मुजफ्फरपुर: सात घंटे तक लगातार हुई बारिश से पूरा शहर जलमग्न हो गया है. प्रमुख चौक-चौराहों, गली-मोहल्लों से लेकर घरों तक में पानी घुस गया है. जगह-जगह जलजमाव के कारण शहर के लोग त्रहिमाम-त्रहिमाम कर रहे हैं. शहर की करीब 40 फीसदी आबादी नगर निगम की जलापूर्ति पर आश्रित है. इन लोगों के सामने पेयजल का भारी संकट उत्पन्न हो गया है. चंदवारा, मिठनपुरा, ब्रrापुरा, माड़ीपुर, बेला इलाकों के कई मोहल्लों में निगम का नल पानी में डूब गया है. इससे यहां बाढ़ जैसे हालात बन गये हैं. लोग बाढ़ पीड़ितों की तरह घर के ऊपरी तल्ले पर व चौकी-टेबुल का सहारा लेकर जिंदगी जी रहे हैं.
कई घरों में खाना बनाने तक के लिए पानी नहीं है. बाथरूम तक में पानी घुसा है. चंदवारा, माड़ीपुर व मिठनपुरा के कई घरों में तो बाथरूम की टंकी का गंदा पानी घुस गया है. हालांकि, लोगों की गंभीर समस्या को देखते हुए बारिश थमते ही नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा व नगर सचिव संजय कुमार राय सफाई कर्मियों की टीम के साथ शहर में घूम-घूम कर जाम नालों की उड़ाही कराते हुए जलनिकासी में जुटे रहे. इससे शाम तक शहर के आधे से अधिक इलाकों से पानी निकल गया था.
धड़ाम-धड़ाम पानी में गिरे लोग
जलजमाव के कारण नाला व सड़क में अंतर ही समाप्त हो गया है. लोग सड़क पर निकलते हैं, लेकिन नाले में धड़ाम-धड़ाम गिर रहे हैं. सबसे ज्यादा खतरनाक स्थिति कल्याणी चौक, सदर अस्पताल रोड, बटलर रोड, ब्रrापुरा, कलमबाग-अघोरिया बाजार रोड, अमर सिनेमा रोड में बन गयी है. यहां चलना तक खतरों से खाली नहीं है. क्योंकि इन जगहों पर नाले व सड़क में कोई अंतर ही नजर नहीं आ रहा है.
निगम कार्यालय में भी घुसा पानी
बारिश का पानी नगर-निगम कार्यालय में भी घुस गया है. निगम के पिछले हिस्से में बने सभी कमरों में दो फिट तक पानी लगा है.
इसके अलावा पूरा कैंपस पानी से लबालब हो गया है. ऑफिस में पानी घुसने के कारण कई महत्वपूर्ण संचिकाएं भी बरबाद हो गयी हैं. निगम ऑफिस से बाहर कोर्ट कैंपस व समाहरणालय में भी एक से डेढ़ फिट तक पानी लगा है. रजिस्ट्री ऑफिस व सदर अस्पताल भी पानी में डूबा है.
उड़ाही में हुए करोड़ों खर्च की खुली पोल
सात घंटे तक लगातार हुई झमाझम बारिश ने पांच सालों के भीतर नाले की उड़ाही पर खर्च हुए करोड़ों रुपये की पोल खोल दी है. इससे नगर-निगम प्रशासन भी जांच में घेरे में आ गया है. बताया जाता है कि पांच साल में शहर के छोटे-छोटे नाले व पुल-पुलिया के साथ आउटलेट की साफ-सफाई के लिए करोड़ों रुपये खर्च हुए, लेकिन एक भी आउटलेट की सफाई नहीं हुई. मिठनपुरा व बेला इलाके से जो भी पानी निकला है, वह एक सप्ताह पहले आउटलेट की हुई साफ-सफाई का परिणाम है.
निगम में करोड़ों की लूट-खसोट
वार्ड पार्षद केपी पप्पू ने कहा कि निगम में अब तक लूट-खसोट हुई है. नाले की उड़ाही दिखा नीचे से ऊपर तक के अधिकारी आपस में करोड़ों रुपये का बंदरबांट किया है. इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. ताकि, इसमें शामिल निगम कर्मी, अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक की पहचान की जा सके.