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बाढ़ का कहर: नवजात को लेकर स्कूल में शरण, दवा लेकर घंटों तड़पता रहा पिता, सड़क किनारे दाह संस्कार

नितेशमुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर में कटरा प्रखंड के सोनपुर गटोली मिडिल स्कूल के बरामदे में नवजात को गोद में लिये बैठी मन्नू देवी के लिए बागमती की बाढ़ अभिशाप बनकर आयी है. पिछले हफ्ते शुक्रवार को ही उसने बेटे को जन्म दिया, तो घर में खुशी का माहौल था. रविवार को बाढ़ के पानी […]

नितेश
मुजफ्फरपुर :
बिहार के मुजफ्फरपुर में कटरा प्रखंड के सोनपुर गटोली मिडिल स्कूल के बरामदे में नवजात को गोद में लिये बैठी मन्नू देवी के लिए बागमती की बाढ़ अभिशाप बनकर आयी है. पिछले हफ्ते शुक्रवार को ही उसने बेटे को जन्म दिया, तो घर में खुशी का माहौल था. रविवार को बाढ़ के पानी से उसका घर पूरी तरह घिर गया, तो परिवार के साथ स्कूल में ठिकाना मिला. उनके साथ में ही मवेशी भी रहते हैं, जिनके बीच में मन्नू की रातें गुजरती है. अब उसे पौष्टिक आहार तो दूर, दो वक्त का खाना भी नहीं मिल रहा. पूरा परिवार चूड़ा-चीनी खाकर ही गुजारा कर रहा है. जब बच्चा भूख से बिलखता है, तो परिजनों की बेबस आंखें भी डबडबा जाती हैं.

मन्नू की बूढ़ी सास ने बताया कि जब हमलोग हॉस्पिटल से घर आये तो बाढ़ का पानी थोड़ा भी नहीं था. अचानक रविवार की सुबह से ही पानी बढ़ने लगा. दोपहर तक तो कमर तक पानी हो गया. पानी के ज्यादा होते देख मन्नू को परिवार के साथ स्कूल पर भेज दिया गया. स्कूल ऊंचे जगह पर है, तो वहां पानी नहीं आ सकता है. बताया कि एक-दो दिन में अगर पानी कम नहीं हाेगा तो सभी लोग वहां से निकल जायेंगे. चारों तरफ पानी होने के वजह से वहां सांप, मच्छर व कीड़ा-मकोड़ा का भी डर बना रहता है. कुछ लोग बच्चे की हिफाजत में दिन में जागते हैं, तो कुछ लोग रात में जागते हैं.

बेटा बीमार, दवा लेकर 35 घंटे तड़पता रहा पिता
मुजफ्फरपुर : सोनपुर के रामस्वार्थ अपने बीमार बेटे की दवा लेकर 35 घंटे तक गांव के बाहर तड़पते रहे. पानी के दबाव से सोनपुर जाने वाला संपर्क मार्ग रविवार की दोपहर कट गया. उस समय रामस्वार्थ दवा लेने के लिए बाजार गये थे. लौटे तो गांव जाने के लिए कोई रास्ता नहीं था. हर तरफ लबालब पानी भरा था. नाव का भी इंतजाम नहीं होने के कारण उन्होंने सड़क पर ही रात गुजारी. सोमवार की शाम करीब पांच बजे जब एनडीआरएफ की टीम पहुंची, तो उसे अन्य लोगों के साथ घर पहुंचाया. रामस्वार्थ ने बताया कि उसके दो छोटे बच्चे हैं. एक को पिछले महीने चमकी बुखार हो गया था. इलाज के बाद वह ठीक हो गया. दो दिन पहले अचानक उसकी तबीयत फिर से खराब हो गयी. शनिवार की रात किसी तरह जाग कर गुजारी. रविवार की सुबह वह दवा लाने के लिए घर से निकला था. वापस लौटा तो गांव जाने वाली सड़क कट चुकी थी. घर जाने के लिए उसके पास कोई विकल्प नहीं था. दूसरे दिन शाम तक नाव की व्यवस्था नहीं हो सकी थी, जबकि वहां पहुंचने वाले सभी लोगों से वह गुहार लगा रहा था. परिवार और बच्चे के स्वास्थ्य की चिंता में वह घंटों बेचैन रहा. वहां मौजूद अन्य लोग भी उसकी परेशानी से आहत थे, लेकिन पानी की तेज धारा के कारण सभी खुद को असहाय महसूस कर रहे थे.

श्मशान में घुसा पानी, सड़क किनारे किया दाह संस्कार :
सोनपुर गांव में एक वृद्ध की मौत रविवार की सुबह हो गयी. परिवार व गांव के लोग जब दाह संस्कार करने आये तो श्मशान घाट पर पानी भरा देखा. इसके बाद वहां के लोगों ने राय- विचार करने के बाद पार्थिव शरीर को सड़क किनारे ही दाह संस्कार कर दिया. परिवार के लोगों ने बताया कि जब शव लेकर आये तो वहां पर काफी पानी भरा हुआ था. शव को वापस नहीं ले जाया जा सकता.

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