नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सीबीआई को हत्या के पहलू सहित जांच पूरी करने के लिए सोमवार को तीन महीने का समय दिया. बिहार के मुजफ्फरपुर में एक एनजीओ द्वारा संचालित एक शेल्टर होम में बच्चियों के यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना का मामला टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की रिपोर्ट सामने आने के बाद सुर्खियों में आया था.
न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति एमआर शाह की अवकाश पीठ ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह बच्चियों के साथ हुए अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न और उनका वीडियो बनाये जाने के मामले की भी भादंसं की धारा 377 के तहत जांच करे. पीठ ने सीबीआई से कहा कि वह शेल्टर होम की बच्चियों को नशा देकर उनके यौन उत्पीड़न में मदद करनेवाले बाहरी लोगों की भूमिका की भी जांच करे. शीर्ष अदालत ने सीबीआई को तीन महीने के भीतर मामले पर रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
मालूम हो कि इससे पहले सीबीआई ने अदालत से कहा था कि मुजफ्फरपुर स्थित शेल्टर होम यौन उत्पीड़न केस में मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर और उसके 11 अन्य साथियों ने कथित रूप से लड़कियों की हत्या की थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी 11 आरोपितों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में आरोप तय करते हुए मुकदमा चालने का आदेश दे दिया था. सीबीआई ने खुलासा करते हुए बताया था कि श्मशान घाट से हड्डियों की पोटली भी बरामद हुई थी।.