मसौढ़ी : दो साल पहले राज्य में हुई पूर्ण शराबबंदी मसौढ़ी शहर के कश्मीरगंज मुहल्ले के सुनील साव केसरी के लिए नया जीवन बन कर आयी. न केवल उनके घर-गृहस्थी में खुशहाली लौटी, बल्कि अपनी उजड़ चुकी सब्जी की दुकान को ऐसे संभाला कि वह सब्जी के खुदरा से थोक कारोबारी बन गये. सुनील आज […]
मसौढ़ी : दो साल पहले राज्य में हुई पूर्ण शराबबंदी मसौढ़ी शहर के कश्मीरगंज मुहल्ले के सुनील साव केसरी के लिए नया जीवन बन कर आयी. न केवल उनके घर-गृहस्थी में खुशहाली लौटी, बल्कि अपनी उजड़ चुकी सब्जी की दुकान को ऐसे संभाला कि वह सब्जी के खुदरा से थोक कारोबारी बन गये. सुनील आज रोज 1500 से 2000 रुपये तक कमा लेते हैं.
इस काम में इनका साथ बड़े भाई राजू साव केसरी और बेटा गुड्डू केसरी बखूबी निभा रहे हैं सुनील और उनके बड़े भाई राजू की स्थानीय कुशवाहा मार्केट में सब्जी की बड़ी दुकान पहले हुआ करती थी. दुकान अच्छी-खासी चलती थी, लेकिन इसी बीच सुनील व उसके बड़े भाई राजू को शराब पीने की लत लग गयी.
शराब छूटी तो
धीरे- धीरे दोनों भाइयों की स्थिति यह हो गया कि पूरे दिन शराब के नशे में ही रहने लगे. नतीजतन इनकी दुकान उजड़ हो गयी. उस वक्त सुनील का एकमात्र पुत्र गुड्डू की उम्र करीब 15 वर्ष थी. उसने अपने पिता व चाचा की उजड़ चुकी दुकान को किसी प्रकार कर्ज लेकर डाकबंगला रोड में स्थापित किया. दुकान घीरे-घीरे चलनी शुरू हुई. गुड्डू पर अपनी तीन बहनों के साथ मां, चाचा, चाची व चचेरे भाई समेत पिता को देखने की जिम्मेदारी और कर्ज का पैसा भी लौटाने की जवाबदेही थी. ऊपर से आदत से मजबूर पिता व चाचा को प्रतिदिन शराब के लिए पैसा देने को लेकर झंझट अलग.
पत्नी बोलीं
सुनील की पत्नी नीरा देवी समेत घर की अन्य महिलाएं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार प्रकट करती हैं. नीरा कहती हैं कि शराबबंदी कर उन्होंने हमारे जैसी महिलाओं को जीने का साहस दिया है. सच में हमारे लिए अगर कोई भगवान है तो वह हैं नीतीश कुमार, जिनकी वजह से हमारी उजड़ी जिंदगी वापस खुशहाल हो गयी. नीरा देवी नित्य भगवान के साथ-साथ नीतीश कुमार की भी पूजा करना नहीं भूलती हैं.