मुजफ्फरपुर : बिहार में महिलाओं के उत्थान के लिए सबसे जरूरी चीज शिक्षा है. महिलाएं जब शिक्षित होंगी तभी वे अपने पैरों पर खड़ी हो पायेंगी. उनमें आत्मविश्वास आयेगा व पुरुष प्रधान समाज में उनकी अपनी भूमिका होगी. परिवार में उनकी इज्जत बढ़ेगी व समाज में उन्हें बराबर का सम्मान मिलेगा. हमारी आने वाली पीढ़ियों […]
मुजफ्फरपुर : बिहार में महिलाओं के उत्थान के लिए सबसे जरूरी चीज शिक्षा है. महिलाएं जब शिक्षित होंगी तभी वे अपने पैरों पर खड़ी हो पायेंगी. उनमें आत्मविश्वास आयेगा व पुरुष प्रधान समाज में उनकी अपनी भूमिका होगी. परिवार में उनकी इज्जत बढ़ेगी व समाज में उन्हें बराबर का सम्मान मिलेगा. हमारी आने वाली पीढ़ियों की जिम्मेवारी भी महिलाओं के ऊपर है. बच्चे की प्रथम पाठशाला घर ही होता है. यहीं से बच्चे की प्रारंभिक पढ़ाई होती है.
महिलाएं जब शिक्षित रहेंगी तो वे अपने बच्चों को संस्कारयुक्त शिक्षा दे पायेंगी. बिहार में सबसे बड़ी जरूरत महिला शिक्षा की है. महिलाओं के लिए शिक्षा को रोजगार से जोड़ कर देखना सही नहीं है. यह उनके विवेक पर है कि शिक्षित होकर वे रोजगार करें या अपने परिवार व समाज को बेहतर बनाने में अपनी शिक्षा का सदुपयोग करे. उक्त बातें विभिन्न पेशे से जुड़ी महिलाओं के अलावा गृहणियों ने कही. वे सोमवार को बिहार दिवस के मौके पर प्रभात खबर की ओर से छह दिवसीय परिचर्चा के चौथे दिन अपना पक्ष रख रही थीं. बिहार में महिलाओं के उत्थान के लिए क्या किया जाये विषय पर महिलाओं ने अपनी बातें रखी.
बेटे के समान दी जाये बेटियों को शिक्षा
महिलाओं का शिक्षित होना बहुत जरूरी है. इसके बिना उत्थान संभव नहीं है. परिवार में बेटियों की शिक्षा बेटे के समान दिया जाना चाहिए. बेटियां पढ़ेगी तभी समाज का कल्याण होगा व उनका सम्मान भी बढ़ेगा. हम बेटियों को घर से ही संस्कारित करें. उसमें आत्मविश्वास भरे. बेटे व बेटियों में अंतर कर उसके अंदर हीन भावना पैदा नहीं करें. संगीता साहू, गृहिणी
सामाजिक प्रयास से ही महिलाओं का विकास
सामाजिक प्रयास से ही महिलाओं का उत्थान किया जा सकता है. पहले मलेरिया उन्मूलन में छिड़काव कर्मी के तौर पर सिर्फ पुरुषों की नियुक्ति होती थी. मेरे प्रयास से पांच महिलाओं की नियुक्ति हुई. पहले उनके परिवार वाले इस काम के लिए तैयार नहीं हुए. लेकिन मेरे समझाने के बाद वे लोग मान गये. आज वे अपना काम कर रही है. रानी देवी, जिला पार्षद, कुढ़नी