मुजफ्फरपुर : मुशहरी से बाढ़ का पानी निकल गया, सो निकल गया. जो निचले स्थानों पर बच गया. वह सड़ रहा है. बदबू निकल रहा है. डीडीटी का छिड़काव नहीं हुआ, तो लोगों का जीना मुश्किल हो जायेगा. मुशहरी पीएचसी के बरामदे पर बैठे मुशहरी द्वारिकानगर के उमा शंकर साह व तपेश्वर राय आपस में यही चर्चा कर रहे थे. देखने से लग रहा था जैसे दोनों पीएचसी में इलाज कराने आये हैं और डॉक्टर के इंतजार में बैठे हैं. लेकिन, बातचीत में बताया कि वे दोनों पीएचसी में डीडीटी का पाउडर लाने आये थे.
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पहले बाढ़, अब पानी सड़ने से तबाही
मुजफ्फरपुर : मुशहरी से बाढ़ का पानी निकल गया, सो निकल गया. जो निचले स्थानों पर बच गया. वह सड़ रहा है. बदबू निकल रहा है. डीडीटी का छिड़काव नहीं हुआ, तो लोगों का जीना मुश्किल हो जायेगा. मुशहरी पीएचसी के बरामदे पर बैठे मुशहरी द्वारिकानगर के उमा शंकर साह व तपेश्वर राय आपस में […]
मुशहरी पीएचसी के दक्षिणी छोर पर एक छोटे से गोदाम में पाउडर वितरण होता है. यहां पर पंक्ति में बहुत सारे लोग खड़े हैं. विंदा के नरेश, राज कुमार, महेश बताते हैं, गुरुवार की शाम में आये, तो कहा गया शुक्रवार को आना. लेकिन, पाउडर नहीं मिल रहा है. वापस लौट रहे हैं. 20 अगस्त से बंद पड़े पीएचसी का ताला शुक्रवार की सुबह में खोला गया. सुबह से करीब 12 बजे दिन तक सफाई हुई. चिलचिलाती धूप में स्वास्थ्य प्रबंधक रामकृष्ण बरामदे में अस्पताल के कमरों की सफाई के बाद देखरेख में जुटे थे.
बताते हैं कि एक्स-रे व लैब को क्षति हुई है. टेक्नीशियन बुलाकर जांच करानी होगी. पीएचसी प्रभारी डॉ उपेंद्र चौधरी बताते हैं कि टीकाकरण प्रभावित है. संस्थागत प्रसव भी बंद है. यहां स्टैबलाइजर, डीप फ्रीजर, फर्नीचर समेत कई उपकरणों की मरम्मत करानी होगी. उम्मीद है कि सब कुछ दो दिनों में ठीक करवा कर टीकाकरण, नियमित इलाज, संस्थागत प्रसव शुरू किया जायेगा. पानी में कई रजिस्टर बरबाद हुए हैं. सनहा के लिए आवेदन दिया गया है.
थाने में धान रोपने वाला कादो, बंद कमरे से निकलते हैं जहरीले जीव : पानी कम हो गया है. लेकिन, थाने के कैंपस में धान रोपने लायक पानी व कादो है. सड़क के उत्तरी हिस्से में एक दुकान के समीप दारोगा ललन कुमार थाना चला रहे हैं. अभी दो दिनों तक थाने के भवन में जाना मुश्किल है. वे बताते हैं कि बुधवार को खोलने का प्रयास किये थे. लेकिन, एक बड़ा सा विषैला सांप निकला. लोगों ने उसकी जान ले ली. हालांकि, ईंट रखकर वहां तक जाने का रास्ता बना कर काम वहीं करेंगे. इलाके से खैरियत आना मुश्किल हो रहा है. हालांकि, 20 दिसंबर के बाद थाने में आठ प्राथमिकी दर्ज हुआ है. ब्लॉक कैंपस का पानी तो निकल गया. लेकिन, सबसे खराब हाल थाने का ही है. मुख्यालय में बिजली नहीं होने के कारण पुलिसकर्मियों की नींद हराम है.
रजवाड़ा बांध की हो रही मरम्मत
तराई इलाकों में बारिश से फिर बाढ़ का डर, ऊंची जगहों पर रख रहे फाइल
प्रखंड कार्यालय व अंचल कार्यालय तक पहुंचने के रास्ते में पानी नहीं है. कहीं-कहीं कादो हो गया है. प्रखंड कार्यालय में प्रधान लिपिक शशिभूषण प्रसाद सिंह, लिपिक जितेंद्र कुमार, उर्दू टंकक अब्दुल अल्लाम, उर्दू अनुवादक अब्दुल बारी अपने काम में व्यस्त थे. प्रधान लिपिक बताते हैं कि इस कार्यालय की सभी संचिकाएं करीब-करीब सुरक्षित हैं. लेकिन, तराई इलाकों में हो रही बारिश से लोग भयभीत हैं. अंचल कार्यालय में प्रधान लिपिक विनोद कुमार, अंचल नाजिर शशि भूषण, लिपिक नंद लाल राय व मो सलीम भी अपने काम में लगे थे. ये लोग बताते हैं कि रजवाड़ा में तटबंध अभी खुला है. तराई क्षेत्रों में बारिश हो रहा है. कब क्या होगा? पता नहीं. इसलिए फाइल को ऊंची जगहों पर रखकर काम करते हैं. काम करने के बाद फाइल को फिर बंद कर देते हैं. करीब-करीब फाइल यहां पर सुरक्षित हैं.
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