इसके बाद कांवरियों ने मंदिर के बाहर लगे अरघे में जल अर्पित किया. रात्रि दस से बारह बजे तक प्रधान आरती के कारण गर्भ गृह बंद रहा. इस दौरान जलाभिषेक रोक दिया गया. हालांकि रात्रि 12 बजे के बाद भी कांवरियों की भीड़ नहीं हुई. रामदयालु से आने वाले कांवरिये हरिसभा चौक से लगायी गयी बैरिकेडिंग में पंक्तिबद्ध होते रहे. रात्रि दो बजे तक हलकी भीड़ भी समाप्त हो गयी.
रात्रि दो बजे के बाद कांवरियों की भीड़ तो समाप्त हो गयी, लेकिन सोमवार की सुबह तीन बजे से ही स्थानीय भक्तों का तांता लग गया. हरिसभा चौक से महिला व पुरुष भक्त पंक्तिबद्ध होने लगे. इन्हें संभालने में स्वयंसेवकों को थोड़ी परेशानी हुई, मंदिर में जलाभिषेक का सिलसिला दोपहर दो बजे तक चला. इस दौरान मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा. भक्तों ने मंदिर के बाहर लगे अरघे में जलाभिषेक किया. दोपहर तीन बजे के बाद गर्भ गृह खोल दिया गया. इसके बाद आने वाले भक्तों ने गर्भ गृह में जाकर बाबा का जलाभिषेक किया. कांवरियों की भीड़ नहीं होने के कारण स्वयंसेवक आराम फरमाते दिखे. प्रभात सिनेमा चौक के समीप दर्जनों स्वयंसेवक बैठे हुए थे. यहां से हरिसभा रोड तक कुछ स्वयंसेवक आते-जाते दिखे. हालांकि उन्हें कांवरियों को व्यवस्थित करने की जरूरत नहीं पड़ी. कांवरियों की भीड़ नहीं होने के कारण वे भी शिविरों में बैठ गये. रात्रि दो बजे के बाद जब कावंरियों की भीड़ समाप्त होते दिखी तो कई स्वयंसेवक वापस हो गये.