प्रशासन व पुलिस यदि समय पर कार्रवाई करती, तो उग्र भीड़ के आक्रोश से बचा जा सकता है. सोमवार को एसडीओ पूर्वी ने इस मामले में डीएम को पत्र भेज कर अपनी सफाई दी है. उनके अनुसार, घटना की सूचना मिलने के बाद सुबह 6:55 बजे काजीमोहम्मदपुर थानाध्यक्ष घटनास्थल पर पहुंच गये थे. उनके पहुंचने के बाद ट्रक में फंसे व्यक्ति को निकालने के लिए पहल शुरू कर दी गयी. ट्रक के ट्रांसफॉर्मर में सटे होने के कारण इसमें परेशानी हुई. एस्सेल के पदाधिकारियों को इसकी सूचना देते हुए लाइन काटने का निर्देश दिया गया. इसी बीच भीड़ उग्र होने लगी. लोग पुलिस बल पर रोड़ा-पत्थर बरसाने लगे. पुलिस का अघोरिया बाजार चौक तक पीछा किया. इससे विधि-व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी. सुबह साढ़े आठ बजे वे खुद (एसडीओ पूर्वी) नगर डीएसपी के साथ मौके पर पहुंचे. स्थानीय लोगों की मदद से आक्रोशित लोगों को समझाने का प्रयास किया.
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आमगोला में हादसा: प्रशासनिक शिथिलता से हुआ हंगामा
मुजफ्फरपुर: मूर्तिकार योगेंद्र पंडित की दुर्घटना में मौत के बाद हुई तोड़फोड़, आगजनी की घटना के लिए डीएम धर्मेंद्र सिंह ने प्रशासनिक शिथिलता को जिम्मेदार ठहराया है. उनका मानना है कि यदि समय रहते सतर्कता बरती जाती व निरोधात्मक कार्रवाई होती, तो न बवाल बढ़ता, न आम लोगों को परेशानी होती. रविवार की देर शाम […]
मुजफ्फरपुर: मूर्तिकार योगेंद्र पंडित की दुर्घटना में मौत के बाद हुई तोड़फोड़, आगजनी की घटना के लिए डीएम धर्मेंद्र सिंह ने प्रशासनिक शिथिलता को जिम्मेदार ठहराया है. उनका मानना है कि यदि समय रहते सतर्कता बरती जाती व निरोधात्मक कार्रवाई होती, तो न बवाल बढ़ता, न आम लोगों को परेशानी होती.
रविवार की देर शाम एसडीओ पूर्वी को पत्र भेज कर इस मामले में रिपोर्ट मांगी. उसमें कहा गया है कि सुबह 6:30 बजे एक ट्रक के ट्रांसफॉर्मर में टकरा जाने के कारण योगेंद्र पंडित की मौत हो गयी. इसके बाद लोग उग्र हो गये. लोगों ने सुबह नौ बजे सड़क जाम करते हुए अन्य वाहनों काे क्षतिग्रस्त कर दिया. उसमें आग लगा दी. आखिर ढाई घंटे तक कोई सतर्कता क्यों नहीं बरती गयी.
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