मुजफ्फरपुर. ठंड बढृते ही फ्रोजन शोल्डर और आर्थराइटिस जैसी जोड़ों की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. ठंड का मौसम इन बीमारियों को ट्रिगर करता है, खासकर उन लोगों में जो पहले भी प्रभावित रहे हैं. बुजुर्गों में यह समस्या अधिक देखी जा रही है. सदर अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में रोजाना 100 से 150 मरीज पहुंच रहे हैं.
मरीजों को डेढ़ घंटे तक करना पड़ रहा इंतजार
फिजियोथेरापी सेंटर पर भी मरीजों को अपनी बारी में एक से डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है. डॉक्टर के अनुसार फ्रोजन शोल्डर, जिसे मेडिकल भाषा में एडहेसिव कैप्सुलाइटिस भी कहते हैं, एक ऐसी स्थिति है जिसमें कंधे का जोड़ कठोर हो जाता है और गति सीमित हो जाती है. इसका मुख्य कारण जोड़ की कैप्सूल में सूजन और मोटाई बढ़ना है, जो अक्सर बिना किसी स्पष्ट वजह या मामूली चोट से शुरू होता है. ठंड में मांसपेशियां और जोड़ कड़े हो जाते हैं, इससे दर्द बढ़ता है. ठंडी हवा रक्त संचार को धीमा कर देती है, जिससे सूजन बढ़ता है़ डायबिटीज और थायरॉइड के कारण भी यह बीमारी होती है.
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आर्थराइटिस भी बन रही प्रमुख समस्या
आर्थराइटिस यानी जोड़ों का सूजन भी इन दिनों प्रमुख समस्या बन रही है. इसका कारण जोड़ों का सूजन है. उम्र बढ़ना, चोट, मोटापा, जेनेटिक फैक्टर और संक्रमण से ठंड में यह समस्या बढ़ती है. रक्त संचार धीमा होता है और मांसपेशियों में ऐंठन पैदा होती है़ नसें और रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे जोड़ों में दबाव बढ़ता है. रिपोर्ट बताते हैं कि ठंड में आर्थराइटिस का जोखिम 18 फीसदी बढ़ जाता है. ठंड और नमी से बुजुर्गों में घुटनों और पीठ का दर्द आम हो गया है. जिन लोगों को पहले से आर्थराइटिस है, ठंड में उनकी परेशानी ज्यादा बढ़ गयी है.
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