मुंगेर . प्रोन्नति के बाद अब पे-फिक्सेशन को लेकर मुंगेर विश्वविद्यालय और शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी संघ समन्वयक समिति एक बार फिर आमने-सामने है. पे-फिक्सेशन की मांग को लेकर समन्वयक समिति के बैनर तले दूसरे दिन मंगलवार को भी शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी विश्वविद्यालय में धरने पर बैठे रहे. जबकि कर्मचारियों के धरना को अब विश्वविद्यालय में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारी तथा संकल्प 10 हजार पर नियुक्त कर्मियों ने भी अपना समर्थन दे दिया है. अब ऐसे में दीक्षांत समारोह की तैयारियों के बीच शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों का धरना विश्वविद्यालय के लिये मुसीबत बन गया है. समन्वयक समिति संयोजक प्रो. देवराज सुमन ने बताया कि प्रोन्नति शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों का हक है. जिसे भी विश्वविद्यालय की लापरवाही के कारण लड़ के लेना पड़ा. वहीं अब शिक्षक व कर्मियों को अपने पे-फिक्सेशन के लिये भी लड़ाई लड़ना पड़ रहा है. यह कतई उचित नहीं है, क्योंकि शिक्षक और कर्मियों के कंधों पर विद्यार्थियों के शैक्षणिक कार्यों की जिम्मेदारी है. ऐसे में विश्वविद्यालय द्वारा पे-फिक्सेशन को लेकर टालमटोल किया जा रहा है. शिक्षक डा. चंदन कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय 6 अगस्त 2024 को राजभवन से मिले पत्र के आधार पर पे-फिक्सेशन करने की बात कह रहा है. जो कि पूरी तरह गलत है, क्योंकि शिक्षक प्रमोशन को सिंडिकेट की स्वीकृति मिल चुकी है. जबकि सिंडिकेट बैठक की स्वीकृति भी खुद राजभवन ने दी थी. इतना हीं नहीं विश्वविद्यालय में कई कार्य सीनेट बैठक की प्रत्याशा में हो रहे हैं. ऐसे में शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों का पे-फिक्सेशन भी सीनेट की प्रत्याशा में किया जा सकता है. आउटसोर्सिंग व संकल्प 10 हजार कर्मियों ने भी किया समर्थन धरना पर बैठे शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों को मंगलवार को विश्वविद्यालय में कार्यरत आउटसोर्सिंग तथा संकल्प 10 हजार पर कार्यरत कर्मियों ने भी अपना समर्थन दे दिया है. जिसे लेकर मंगलवार को आउटसोर्सिंग कर्मी तथा संकल्प 10 हजार पर नियुक्त कर्मी भी धरना दिया. होली को लेकर कर्मियों ने विश्वविद्यालय से अबतक मानदेय नहीं मिलने पर नाराजगी व्यक्त की.
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