मुंगेर. ध्वस्त हो रहे किले के उत्तरी द्वार को बचाने की कवायद शुरू हो गयी है. भवन निर्माण विभाग की देखरेख में संवेदक द्वारा मरम्मत कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया, लेकिन जब मरम्मत के लिए जुगाड़ बैठाया जाता है तो द्वार के अंदर से सुरखी चूना पर लगा स्लैब टूट कर गिरने लगता है, जिसके कारण मरम्मत कार्य में काफी परेशानी हो रही है. कुल मिलाकर कहा जाए तो उत्तरी द्वार अंदर से पूरी तरह कमजोर हो चुका है और मरम्मत मुश्किल है.
रविवार की सुबह क्षतिग्रस्त किले के उत्तरी द्वार के अंदर और बाहर का कुछ हिस्सा अचानक टूट कर गिर गया था, जिसके कारण उत्तरी द्वार पर संकट के बादल मंडराने लगा. हालांकि इस द्वार की मरम्मत के लिए भवन निर्माण विभाग से निविदा प्रक्रिया पूरी कर संवेदक का चयन कर लिया गया था, जिसके कारण प्रशासनिक हस्तक्षेप से उत्तरी द्वार का निर्माण कार्य संवेदक ने शुरू कर दिया. मरम्मत के लिए मिस्त्री और मजदूरों ने भाड़ा बांधा. जिसके बाद द्वार के क्षतिग्रस्त भाग की मरम्मत के लिए मजदूर सफाई करने लगे तो किला के अंदरूनी भाग से सुरखी चुना पर टिका हुआ स्लैब भी गिरने लगा. मिस्त्री ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि काम करने के दौरान द्वार में लगा स्लैब टूट कर गिरने लगता है, क्योंकि यह द्वार अंदर से काफी कमजोर हो चुका है, इसलिए इसकी मरम्मत मुश्किल है. मरम्मत कार्य इसका स्थाई समाधान नहीं है. भवन निर्माण विभाग की टीम ने भी वहां पहुंच कर जायजा लिया तो टीम भी द्वार की स्थिति देख कर परेशान हो गयी कि आखिर इसकी मरम्मत कैसे होगी. सूत्रों की माने तो भवन निर्माण विभाग द्वारा कमजोर हो चुके उत्तरी द्वार की मरम्मत के बदले उसका स्थाई समाधान ढूढ़ रही है.किले के उत्तरी द्वार के मरम्मत कार्य में परेशानी हो रही है. वरीय अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी गयी है. विशेष जानकारी के लिए हमारे कार्यपालक अभियंता से बात करें.
चंदन कुमार, एसडीओ, भवन निर्माण विभागB
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