प्रतिनिधि, संग्रामपुर विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले के समापन के साथ ही कच्ची कांवरिया पथ से सरकारी सुविधाएं हटा ली गयी. लेकिन भादो माह में भी रोजाना सैकड़ों कांवरिया पैदल देवघर जा रहे हैं. बावजूद प्रशासनिक स्तर पर कांवरियों को किसी प्रकार की सुविधाएं नहीं मिल रही है. कांवरियों की यात्रा भगवान भरोसे रह गयी है. संग्रामपुर प्रखंड क्षेत्र के दो प्रमुख धर्मशाला कुमरसार और मनिया में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तो हैं, लेकिन यहां श्रावणी मेले के बाद केवल सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक ही सुविधा उपलब्ध रहती है. रात में किसी कांवरिया की तबीयत बिगड़ जाए तो उन्हें चिकित्सकीय सुविधा मिलना संभव नहीं है. सोमवार शाम करीब पांच बजे दरभंगा से पहुंचे एक कांवरिया की तबीयत बिगड़ गयी. वह बेहोश होकर गिर पड़ा. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाते समय रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. बता दें कि कांवरिया पथ से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की दूरी 8 से 20 किलोमीटर है. इसी तरह रविवार को खैरा के समीप एक दुकानदार से मारपीट की घटना हुई. जिसमें वह घायल हो गया. उसका इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया. स्थानीय लोग बताते हैं कि श्रावणी मेला के दौरान तत्कालीन जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने भादो माह में भी कांवरियों के चलने की बात स्वीकारते हुए सरकारी सुविधाएं बनाए रखने का आश्वासन दिया था. लेकिन अब सारी व्यवस्थाएं हटा ली गयी है. कांवरियों की यात्रा भगवान भरोसे चल रही है. ऐसे में कांवरिया प्रशासन को कोस रहे हैं.
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