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रिजनल कनेक्टिविटी उड़ान योजना के तहत मुंगेर हवाई अड्डा का सर्वेक्षण प्रारंभ, हवाई सेवा की बढ़ी उम्मीद

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया का तीन सदस्यीय टीम गुरूवार को मुंगेर हवाई अड्डा का ऑब्स्ट्रक्शन लिमिटेशन सर्वे (ओएलएस) प्रारंभ किया.

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया का तीन सदस्यीय टीम गुरुवार को मुंगेर हवाई अड्डा का किया सर्वेक्षण़, एएआई को सौंपेंगी रिपोर्ट

मुंगेर

मुंगेर वासियों को हवाई जहाज से सफर का सपना जल्द साकार होने वाला है. क्योंकि घरेलू विमान सेवा शुरू होने से पहले जो जांच की प्रक्रिया होती है, उसकी शुरूआत हो चुकी है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया का तीन सदस्यीय टीम गुरुवार को मुंगेर हवाई अड्डा का ऑब्स्ट्रक्शन लिमिटेशन सर्वे (ओएलएस) प्रारंभ किया. तीनों दिनों तक यह सर्वेक्षण कार्य चलेगा और तैयार रिपोर्ट को एएआई को टीम दिल्ली पहुंचकर सौंपेंगी.

बारिश के बीच गुरुवार को सर्वेक्षण टीम योगेन्द्र कुमार के नेतृत्व में साजो-समान के साथ सफियासराय हवाई अड्डा पहुंची. जबकि समानों को ढोने लिए वहां पहले से नगर निगम के मजदूरों को बुला कर रखा गया था. रूक-रूक कर हो रही बारिश ने सर्वेंक्षण के पहले दिन बाधा उत्पन्न किया. लेकिन इसी बीच छाता के सहारे तीन सदस्यीय टीम तकनीकी समानों के साथ सर्वे कार्य करते रहे. टीम ने रन-वे का सैंपल जुटाया, जबकि उसकी लंबाई व चौड़ाई की मापी की. इतना ही नहीं हवाई अड्डा मैदान के समतलीकरण की भी जांच की. साथ ही हवाई अड्डा के लिए पर्याप्त जमीन है अथवा जमीन का अधिग्रहण किया जाना है उसकी भी समीक्षा की. टीम के सदस्यों ने बताया कि वे लोग हवाई अड्डों के प्रस्तावित भूमि के लिए बाधा सर्वेक्षण कर रहे हैं, ताकि सुरक्षा नियमों के अनुसार यहां विकास कार्य किया जा सके और भविष्य में हवाई जहाजों की उड़ान, लैंडिंग और विस्तार के लिए ऊंचाई और दूरी तय की जा सके. टीम के सदस्यों ने बताया कि जांचोपरांत एक रिपोर्ट तैयार किया जायेगा, जिसमें हवाई अड्डा पर किन-किन चीजों की कमी है उसे दर्शाया जायेंगा और रिपोर्ट भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण सौंपा जायेगा.

25 करोड़ हो चुका है आवंटित, रन-वे का होगा विस्तार

रिजनल कनेक्टिविटी उड़ान योजना के तहत हवाई अड्डा को विकसित करने के लिए पिछले दिनों भारतीय विमान प्रवर्तन प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य सरकार के बीच हुए समझौता किया गया था. जिसे बिहार कैबिनेट की स्वीकृति मिल चुकी थी. बिहार सरकार ने मुंगेर हवाई अड्डा को तैयार करने के लिए 25 करोड़ रूपया आवंटित की है. ताकि हवाई अड्डा को विकसित कर यहां से 19 सीट वाले छोटे विमान बड़े शहरों के लिए उड़ान भर सके. विदित हो कि एएआई की टीम मई महीने में भी इस हवाई अड्डा का सर्वे किया था. टीम ने सर्वे के बाद हवाई अड्डा का रन-वे विस्तार करने और हवाई अड्डा का क्षेत्रफल बढ़ाने की बात कही थी. टीम ने 900 मीटर लंबा और45 मीटर चौड़े रन-वे को 1400 मीटर लंबा और 70 मीटर चौड़ा करने की बात कहीं थी. जिसकी जांच करने पुन: टीम मुंगेर पहुंची है.

जरूरी का सफर होगा आसान, खुलेगा आर्थिक उन्नति का द्वार

मुंगेर बिहार का एक ऐसा शहर है जो औद्योगिक नगरी के साथ ही योग नगरी, पर्यटन की नगरी और ऐतिहासिक नगरी के रूप में प्रसिद्ध है. हवाई अड्डा बनने और यहां से घरेलू विमान सेवा शुरू होने एक ओर जहां जरूरी का सफर आसान हो जायेगा. वहीं आर्थिक उन्नति का द्वार भी खुल जायेगा. विदित हो कि मुंगेर में एशिया प्रसिद्ध जमालपुर रेल कारखाना, बहुराष्ट्रीय आईटीसी सिगरेट कारखाना, दूध कारखाना, बंदूक कारखाना है. वहीं योगाश्रम व खानकाह रहमानी जैसे शिक्षा का केंद्र है. जबकि सीताकुंड, चंडिका स्थान, कष्टहरणी घाट जैसे धार्मिक स्थल है, वहीं भीमबांध, ऋषिकुंड, खड़गपुर झील, काली पहाड़ी जैसे पर्यटन क्षेत्र है. साथ ही ऐतिहासिक मुंगेर किला और पीरपहाड़ है. जबकि आनंदमर्ग के संस्थापक आनंदमूर्ति उर्फ प्रभात रंजन सरकार की जन्मस्थली भी मुंगेर का जमालपुर ही है. ऐसे में विश्व के विभिन्न हिस्से से हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में सैलानी योगाश्रम तथा जमालपुर का भ्रमण करने आते हैं. हवाई सेवा की शुरूआत होने से एक ओर जहां जरूरत पड़ने पर सफर आसान होगा, वहीं पर्यटकों के आने-जाने में परेशानी नहीं होगी और माल व्यसायिक संबंधों को मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त करेंगी. जिससे यहां के आर्थिक उन्नति का द्वार खुल जायेगा.

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