मुंगेर. गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण मुंगेर में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. एक ओर जहां दियारा और करारी क्षेत्र के दर्जनों गांवों को बाढ़ ने अपनी चपेट में ले लिया है और लोग परिवार और मवेशी संग गांव से पलायन करने लगे है. वहीं दूसरी ओर बाढ़ का पानी लोगों की जिंदगी लीलने लगी है. खड़गपुर प्रखंड के अग्रहण पंचायत के सठबिग्घी गांव में बाढ़ के पानी में डूबने से एक युवक की मौत हो गयी. इधर बाढ़ के पानी दियारा क्षेत्र कें भर जाने के कारण नीलगाय, वनसुअर सहित अन्य जंगली जीव शहर की ओर भागने लगे हैं.
खतरे का निशान को देख रही प्रशासन, जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त
मुंगेर में बाढ़ से भले ही हालत बिगड़ रही है. लेकिन जिला प्रशासन अब भी खतरे के निशान को देख रही है. जब पानी खतरे के निशान 39.33 के पार होगी तो राहत व बचाव में जिला प्रशासन की टीम कूदेंगी. जिसे पार करने में अभी 12 सेंटीमीटर बांकी है. लेकिन बाढ़ की विभिषिका से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त होने लगी है. मुंगेर सदर, बरियारपुर में बाढ़ ने तबाही मचना शुरू कर दिया. मुंगेर सदर के गंगा पार तीन पंचायत जाफरनगर, कुतलुपुर और टीकारामपुर के सभी गांवों में पानी घूस गया है. लोग गांव में कैद हो गये हैं. गंगा तट चंडिका स्थान के पास बसा टीकारामपुर गांव में भी पानी घुस गया है. साथ ही मुंगेर शहर के चुआबाग, हेरूदियारा, लालदरवाजा क्षेत्र में बाढ़ का पानी पहुंच गया है. साथ ही मुंगेर-पटना रोड में पुलिया से पानी पार कर महद्दीपुर बहियार को अपने आगोश में ले लिया है. जबकि बरियारपुर प्रखंड के गंगा पार सहित करारी क्षेत्रों के पंचायतों के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में कराह रहा है. बाढ़ का पानी जमालपुर, धरहरा और हवेली खड़गपुर में तबाही मचाना शुरू कर दिया है. भले ही जिला प्रशासन खतरे के निशान को देख रही है, लेकिन बाढ़ प्रभावित इलाकों में जनजीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त होने लगी है.
परिवार व मवेशियों संग पलायन कर रहे लोग
मुंगेर. जिला प्रशासन द्वारा 11 नावों का परिचालन कराया जा रहा है, जो ऊंट के मुंह में जीरा का फोरन साबित हो रहा है. क्योंकि बाढ़ से बिगड़े हालात का सामना करने वाले दियारा क्षेत्र से लोग अपने परिवार व मवेशी संग पलायन करने लगे हैं. निजी नाव के सहारे दियारा क्षेत्र के लोग गांव छोड़ कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे है. जाफरनगर और कुतलुपुर पंचायत के दर्जनों पशुपालक बेगूसराय के लखमिनिया बांध पर मवेशी के साथ शरण ले रखा है. दियारा क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि अगर इसी रफ्तार से गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी रहा तो पूरा का पूरा गांव खाली करना पड़ेंगा. पशुपालको ने बताया कि पशु चारा की समस्या उन लोगों के समक्ष धीरे-धीरे विकराल होती जा रही है.
बाढ़ के कारण विद्यालयों में पठन पाठन हुआ प्रभावित
मुंगेर : जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग की लिस्ट में भले ही बाढ़ से विद्यालयों की व्यवस्था में व्यावधान उत्पन्न होना स्वीकार नहीं किया गया है. लेकिन दियारा क्षेत्र के टीकारामपुर, कुतलुपुर और जाफरनगर के सभी विद्यालय में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. गांव व विद्यालय में पानी आ जाने के कारण बच्चे विद्यालय नहीं पहुंच रहे है. मुंगेर शहर के हेरूदियारा मध्य विद्यालय में भी पानी प्रवेश कर गया है. चंडिका स्थान के पास बसे टीकारामपुर गांव स्थित मध्य विद्यालय आदर्श ग्राम टीकारामपुर, मुफस्सिल में कभी भी पानी प्रवेश कर सकता है. क्योंकि गांव में पानी प्रवेश कर गया है. बुधवार को बाढ़ का पानी विद्यालय में प्रवेश करने से पहले विद्यालय के सामानों को सुरक्षित करने के लिए बैंच पर समानों को रखने में वहां के शिक्षक लगे हुए थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

