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नगर निगम की व्यवस्था को दुरूस्त करना नये नगर आयुक्त के लिए होगी चुनौती

मुंगेर नगर निगम की व्यवस्था को दुरूस्त करना नये नगर आयुक्त के लिए बड़ी चुनौती होगी.

मुंगेर. मुंगेर नगर निगम की व्यवस्था को दुरूस्त करना नये नगर आयुक्त के लिए बड़ी चुनौती होगी. निगम की योजनाओं में मची धांधली, अनियमितता एवं गुणवत्ताहीन कार्यों पर रोक लगना जहां मुश्किल भरा होगा. वहीं कूड़ा घोटाला व एस्टीमेट घोटाला के दाग को धोना होगा. शहरवासियों को बेहतर नागरिक सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही शहर को अतिक्रमण मुक्त कराना, शहर में वेडिंग जोन व पार्किंग जोन की व्यवस्था एवं स्वच्छ एवं सुंदर मुंगेर बनाने की जिम्मेदारी नये नगर आयुक्त के कंधे पर है.

निगम की बागडोर संभालने वाले अधिकारियों के समक्ष पिछले कुछ वर्षों में चुनौतियां काफी बढ़ गयी हैं, क्योंकि नगर निगम में भ्रष्टाचार चरम पर है. ठेकेदारी प्रथा वहां हावी है और विकास योजनाओं में बड़े पैमाने पर धांधली मची हुई है. वर्ष 2013 में हुए कूड़ा घोटाला का दाग निगम के माथे लगा है. 24 लाख 29 हजार 917 रूपये का कूड़ा मोटर साइकिल व स्कूटर पर ढुलाई कर दी गयी थी, हालांकि इस मामले में कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी और कईयों को जेल तक जाना पड़ा. एक कर्मचारी नेता को तो नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था, जो आज तक बर्खास्त है. लेकिन निगम में उसकी धाक अब भी काफी मजबूत है. वर्तमान में भी कई लोग हैं जो उस प्राथमिकी में रहे हैं.

निगरानी विभाग कर रही एस्टीमेट घोटाला की जांच

मुंगेर नगर निगम में वित्तीय वर्ष 2022-23 में एस्टीमेट घोटाला हुआ था. जिसमें अच्छी और बेहतर सड़क को खराब बताते हुए निगम के योजना विभाग व अभियंता ने एस्टीमेट बना कर उसके निर्माण की निविदा निकाली थी. निगम के ई-टेंडरिंग आमंत्रण सूचना संख्या 12/ 2022-23 में हुए 56 ग्रुप के कार्य की निविदा में निगम प्रशासन ने शहर के ऐसे सड़क और नालों का एस्टीमेट बनाकर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की थी जो सड़क व नाले दुरुस्त अवस्था में थे. इस मामले को लेकर पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता के नेतृत्व में टीम ने जांच भी की थी. जिसके आधार पर यह पाया गया था कि कई ऐसे सड़कों का निर्माण किया जा रहा है जो बिलकुल दुरुस्त थी. कई ऐसे सड़कों की निविदा को रद्द भी किया गया था. इस मामले में मुंगेर के एक सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत कुमार ने निगरानी विभाग के प्रधान सचिव को शपथ पत्र के माध्यम से प्राक्कलन घोटाला की जानकारी दी थी. जिसमें बताया गा था कि 80% सड़क व नाला पूर्व से निर्मित है. बावजूद उसका प्राक्कलन बनाकर धांधली की जा रही है. इसी मुद्दे को लेकर 10 दिन पूर्व निगरानी विभाग पटना की टीम मुंगेर पहुंच कर योजनाओं की जांच की थी.

अतिक्रमण, पेयजलापूर्ति व सफाई है बड़ी चुनौती

अतिक्रमण, पेयजलापूर्ति, बदहाल सड़के, वेंडिंग जोन, पार्किंग जोन, सफाई व्यवस्था नये नगर आयुक्त को सीधी चुनौती देंगी, क्योंकि मुंगेर शहर आज पुरी तरह से अतिक्रमण के मकड़जाल में फंसा हुआ है. जिसके कारण ट्रैफिक व्यवस्था जहां शहर में चौपट हो गयी है, वहीं जाम की समस्या हमेशा बनी रहती है. पेयजलापूर्ति मुंगेर शहरवासियों के लिए कई दशकों से समस्या बनी हुई है. अमृत योजना के तहत अरबों रुपये से शहरी पेयजलापूर्ति योजना पूर्ण करने करते हुए निर्माण एजेंसी बुडको और काम करने वाली एजेंसी जेएमसी ने शहर में पानी की सप्लाई का दावा किया तो कर दिया है, लेकिन 10 से 12 वार्ड को छोड़ दें तो अधिकांश वार्डों में पानी की सप्लाई सुनिश्चित नहीं हो पायी है. यहां सफाई व्यवस्था भी बदहाल है. एजेंसी को शहर की सफाई के लिए करोड़ों से अधिक राशि दी जाती है. लेकिन शहर में सफाई नदारत है. खास कर रविवार को तो यहां सफाई ही नहीं होती है. सड़क पूरी तरह से जर्जर है और राहगीरों के लिए जानलेवा बना हुआ है. मुंगेर एक ऐसा शहर है जहां न तो वेडिंग जोन है और न ही पार्किंग जोन है.

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