सप्तशक्ति संगम कार्यशाला का आयोजन
मुंगेर. शिक्षा और ज्ञान के माध्यम से ही हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं और समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं. महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों और आत्मनिर्भर बनने के लिए कार्य करें. वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए कभी हार न मानें. उक्त बातें सरस्वती विद्या मंदिर में भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति, बिहार द्वारा आयोजित सप्तशक्ति संगम कार्यशाला में मुख्य अतिथि ग्रीन लेडी के नाम से चर्चित मुंगेर की जया देवी ने कही.उन्होंने कहा कि महिलाओं को पर्यावरण संरक्षण के लिए भी आगे बढ़कर कार्य करना चाहिए. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही रीता दयाल ने कहा कि मां अपने बच्चों को नैतिकता, अनुशासन और सामाजिक मूल्यों की शिक्षा देती है. जिससे बच्चों में आगे चलकर आत्मविश्वास, प्रेम, सहानुभूति और सहिष्णुता के गुण विकसित होते हैं. ऐसे ही बच्चे राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य करते हैं. बालिका खंड की प्रभारी प्रधानाचार्या राखी कुमारी ने कहा कि सप्तशक्ति संगम कार्यशाला का उद्देश्य नारी संगठन को आगे बढ़ाना और मजबूत करना है. महिलाएं अपनी मेधा शक्ति से राष्ट्र का नेतृत्व करने में सक्षम है. परिवार में समरसता हो, इसके लिए सामूहिक भोजन करें. हमें पंच तत्वों को बचाने के लिए भी प्रयास करना चाहिए. आचार्या पाणिनी मिश्रा ने कहा कि भारत में स्त्री को देवी का रूप माना जाता है. महिलाएं बच्चों को भारतीय संस्कृति के अनुरूप संस्कारवान बनाएं. इस दौरान आदर्श माताओं से जुड़ी प्रश्नोतरी कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ, जिसमें माताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. मौके पर प्राथमिक खंड की प्रभारी प्रधानाचार्या सुजीता कुमारी, आचार्या अल्पना शर्मा, सुरीति राज, रजनी सिन्हा, शीला मेहता आदि मौजूद थी.
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