संग्रामपुर. लाखों रुपये से बना संग्रामपुर का जिला परिषद बस स्टैंड अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है. डाक बंगला परिसर स्थित बस स्टैंड में यात्रियों को न तो परिवहन की सुविधा मिल रही है और न ही नियमित रूप से बसों का ठहराव हो रहा है. प्रशासनिक उदासीनता के कारण पिछले दो वर्षों से बस स्टैंड उपेक्षा का शिकार है और वर्तमान में बस स्टैंड गायों का तबेला बन चुका है और इसके इर्द-गिर्द कब्जा कर लिया गया है. इसके बावजूद प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
लाखों रुपये खर्च के बाद भी यात्रियों को नहीं मिल रही सुविधाएं
सरकार द्वारा लाखों रुपये खर्च कर संग्रामपुर में जिला परिषद बस स्टैंड बनाया गया. जहां प्रतीक्षालय, पेयजल, शौचालय, चाहरदीवारी एवं मार्केटिंग शेड जैसी बुनियादी सुविधाएं विकसित की गयी, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण आज यह बस स्टैंड बदहाली की ओर अग्रसर है. यहां न तो बस का ठहराव किया जाता है और न ही यात्रियों को किसी प्रकार की सुविधा मिल रही है. इस चिलचिलाती धूप में लोग जहां-तहां रुक कर शरण ले रहे हैं और शौच लगने पर इधर-उधर शौच त्याग रहे हैं. यहां तक कि बोतल बंद पानी खरीदकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं.
परिवहन विभाग की जमीन पर बना मंदिर व सत्संग भवन
परिवहन विभाग की भूमि पर मंदिर और सत्संग भवन तक बनाकर जमीन को अतिक्रमण कर लिया गया है. अतिक्रमण को लेकर विभाग ने एफआइआर भी दर्ज करायी है. पूर्व में परिवहन विभाग के वरीय अधिकारी ने निरीक्षण कर अंचल अधिकारी को अतिक्रमण हटाने का निर्देश भी दिया था. इस पर अंचल अधिकारी ने अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर बस स्टैंड और परिवहन विभाग की जमीन को खाली करने का निर्देश दिया था. लेकिन कई महीने गुजर गये, इसके बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी. नतीजतन बस स्टैंड अतिक्रमणकारियों की चपेट में है और यात्रियों को मिलने वाली सुविधा नदारद है. इधर एसयूसीआइ के जिला सचिव कृष्ण देव शाह सहित स्थानीय लोगों ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब सरकार के लाखों रुपये खर्च कर बस स्टैंड का निर्माण हो चुका है, तो इसका सही उपयोग किया जाना चाहिए. अगर बसों का ठहराव सड़कों पर ही होता है तो यह साफ दर्शाता है कि सरकारी राशि का दुरुपयोग हुआ है.
बस स्टैंड और आसपास की सभी सरकारी जमीनों की पैमाइश कर अतिक्रमणकारियों को चिन्हित किया जा रहा है. उन्हें नोटिस देकर स्वयं अतिक्रमण हटाने को कहा गया है. अगर समय रहते कब्जा नहीं हटाया गया तो अभियान चलाकर अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा.निशीथ नंदन, अंचल अधिकारीB
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