मुंगेर मुंगेर जिले में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है और नामांकन की प्रक्रिया चल रही है. वैसे अबतक जमालपुर विधानसभा क्षेत्र से मात्र एक निर्दलीय प्रत्याशी ने सोमवार को अपना नामांकन कराया. किंतु मुंगेर एवं तारापुर विधानसभा क्षेत्र से अबतक कोई भी प्रत्याशी ने नामांकन नहीं कराया है. अबतक जो राजनीतिक दलों द्वारा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई है उसके अनुसार जन सुराज पार्टी से जमालपुर विधानसभा सेवानिवृत आइएएस अधिकारी ललन जी यादव एवं तारापुर विधानसभा से डॉ संतोष कुमार सिंह के नाम की घोषणा की गई है. वैसे एनडीए एवं महागठबंधन की ओर से प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं हुई है. लेकिन राज्य के उपमुख्मंत्री सम्राट चौधरी के बड़े भाई जदयू नेता रोहित चौधरी ने खुलासा किया कि सम्राट चौधरी तारापुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. मुंगेर जिले में यूं तो कुल तीन विधानसभा क्षेत्र है. जहां की राजनीतिक स्थिति 2020 के चुनाव में मुंगेर से भाजपा के प्रणव कुमार यादव, जमालपुर से कांग्रेस अजय कुमार सिंह एवं तारापुर से 2021 के उपचुनाव में जदयू के राजीव कुमार सिंह विधायक बने थे. लेकिन तारापुर का सीट भाजपा के सम्राट चौधरी के चुनाव लड़ने की चर्चा के बीच जदयू से कटकर भाजपा के खाता में आ गया है. इस परिस्थिति में जिले का राजनीतिक परिदृश्य भी बदलेगा. अर्थात अब मुंगेर व तारापुर से भाजपा के उम्मीदवार चुनाव मैदान में आयेंगे. जबकि जमालपुर जदयू के खाते में रहेगा. जमालपुर विधानसभा की स्थिति जदयू के लिए दो धारा में चल रही है. एक धारा पार्टी के पूर्व विधायक एवं मंत्री शैलेश कुमार के साथ है तो दूसरा पार्टी के जिलाध्यक्ष नचिकेता मंडल के पक्ष में. टिकट की घोषणा अबतक नहीं हुई है. लेकिन दोनों संभावित प्रत्याशी के समर्थक इस सीट पर अपनी दावेदारी को मजबूत बनाये हुए है. स्थिति यह है कि सोमवार को शैलेश कुमार ने जमालपुर विधानसभा के लिए अपना एनआर अर्थात नाजिर रशीद भी कटा लिया. जाहिर है कि यदि पार्टी टिकट देती है तो वे चुनाव लड़ेंगे. अन्यथा निर्दलीय भी मैदान में उतरने को तैयार हैं. विदित हो कि शैलेश कुमार वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में भी जमालपुर विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे और 42,800 मत प्राप्त किया था. हालांकि बाद में वर्ष 2005 के चुनाव में जदयू ने उन्हें टिकट दिया और वे उस वर्ष हुए दोनों विधानसभा चुनाव में विजयी दर्ज कराये थे. साथ ही 2010 एवं 2015 के चुनाव में भी शैलेश कुमार जदयू से विधायक बने तथा 2015 में राज्य सरकार में मंत्री भी बने थे. इधर तारापुर विधानसभा में भाजपा के वरीय नेता एवं राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के चुनाव मैदान में उतरने से राजनीतिक परिदृश्य पूरी तरह बदल जायेगी. चूंकि वहां से लगातार जदयू के पहले नीता चौधरी, फिर उसके पति मेवालाल चौधरी और राजीव सिंह विधायक रहे. सम्राट चौधरी के लिए यह सीट काफी सेफ जोन भी माना जाता है. क्योंकि इस सीट से उनके पिता शकुनी चौधरी जहां लगातार पांच बार विधायक रहे. वहीं उसकी मां पार्वती देवी भी एक बार विधायक रही थी. यहां तक कि 2005 में जब पूरे राज्य में जंगल राज के नाम पर राजद को भारी नुकसान हुआ था, उस परिस्थिति में भी शकुनी चौधरी राजद के टिकट से तारापुर से विधायक बने थे. इस बार मुंगेर जिले में विधानसभा का चुनाव काफी रोचक होना है. क्योंकि एक ओर जहां राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मैदान में होंगे. वहीं जदयू के वरीय नेता सह केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का संसदीय क्षेत्र है.
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