मुंगेर. राज्य के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ सुनील कुमार ने कहा कि बिहार को वर्ष 2027 तक ‘हरित बिहार’ बनाने का लक्ष्य है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ‘हर रविवार इको फ्रेंडली काम, एक घंटा पर्यावरण के नाम’ अभियान चलाया जा रहा है. हर संडे कम-से-कम एक घंटा पर्यावरण संरक्षण के काम में बिहार के लोग खुद को लगाएं. क्योंकि हरित बिहार के संकल्प को सकार करने में सभी लोगों को सक्रिय भूमिका निभाने की जरूरत है. वे शनिवार को भीमबांध इको पर्यटन केंद्र में वानिकी किसान, जीविका दीदी और पर्यावरण मित्रों को संबोधित कर रहे थे. मंत्री ने वानिकी किसान, जीविका दीदी और पर्यावरण मित्रों के समर्पित प्रयासों की खुलकर सराहना करते हुए कहा कि इनके सतत प्रयासों से भी हरित बिहार का सपना साकार करने में मदद मिल रही है. उन्होंने सभी हितधारकों को यह आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है और उनके सामने आने वाली समस्याओं का शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जायेगा. पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी दायित्व नहीं, बल्कि जनभागीदारी से ही संभव है और इस दिशा में इन जमीनी कार्यकर्ताओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि बिहार में इको टूरिज्म की असीम संभावनाएं हैं. सरकार इसे विकसित करने काम कर रही है. राजगीर और बोधगया जैसे ऐतिहासिक व प्राकृतिक स्थलों पर गोवा से भी अधिक पर्यटक पहुंचे हैं, जो राज्य के इको टूरिज्म विकास की दिशा में एक अहम संकेत है. उन्होंने कहा कि अब समय है कि बिहार के अनडिस्कवर लोकेशन को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलायी जाये. उन्होंने जनता से अपील किया कि वे हर रविवार को “पौधरोपण संकल्प दिवस ” के रूप में मनाएं और पर्यावरण की रक्षा में अपना योगदान दें. मंत्री ने ऊपरचक गारलैंड ट्रेंच परियोजना का भी निरीक्षण किया. मौके पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रभात कुमार गुप्ता, आरसीसीएफ सुधीर सिंह, बिहार वन विकास निगम के सत्यजीत, डीएफओ एस के मल्ल उपस्थित थे.
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