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मनरेगा में लोगों को नहीं मिल रहा काम, महानगरों की तरफ कर रहे रुख

गरीबी की मार झेल रहे मजदूरों का पलायन रोकने के लिए यहां प्रशासन क्या करती है.

– 7 महीने से मनरेगा मजदूर को नहीं मिल रहा प्रखंड क्षेत्र में रोजगार मुंगेर सरकार ने मनरेगा योजना इसलिये चलायी थी कि कामगर मजदूरों को अपने घर के पास ही काम मिल सके और पलायन रूक सके, लेकिन टेटियाबंबर प्रखंड में मनरेगा स्कीम भी मजदूरों को रोजगार देने में नाकाम हो रही है. जबकि रोजगार के अभाव में गरीब पलायन को मजबूर हैं. बच्चों और को साथ लेकर रोजगार की तलाश करने महानगरों की ओर जा रहे मजदूरों और किसानों की संख्या प्रखंड में लगातार बढ़ती जा रही है. जबकि बंद कमरों में होने वाली अधिकारियों की बैठकें प्रखंड क्षेत्र के मजदूरों के लिये केवल नुमाइशी ही साबित हो रही हैं. काम की तलाश में चेहरे पर मायूसी और बिलखते बच्चों को देखकर लोगों के मुंह से भी आह निकल जाती है. हलांकि प्रखंड क्षेत्र में मनरेगा योजना के पूरी तरह फेल होने और मजदूरों के पलायन के बाद अब देखना होगा कि सूखा और गरीबी की मार झेल रहे मजदूरों का पलायन रोकने के लिए यहां प्रशासन क्या करती है. क्योंकि किसान और मजदूर रोजगार के अभाव में दिन गुजार रहे हैं. मजदूरी न मिलने से ग्रामीण गांव छोड़ने को मजबूर हो गए हैं. परेशान मजदूरों ने प्रशासन द्वारा रोजगार न मिलने पर नाराजगी जाहिर की. मांझी टोला, जगतपुरा, केसौली, डांगरा, धपरी, बंदरकोल, टेटिया सहित ऐसे कई गांव हैं. जहां मजदूरों के पलायन से घरों पर ताले लटके नजर आने लगे हैं. मजदूर रोजगार के अभाव में यहां से अपने परिवार को साथ लेकर पलायन कर दिल्ली, झारखंड, बंगाल, मथुरा, चंडीगढ़ सहित अन्य बड़े शहर जा रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि पेट की खातिर उन्हें बाहर जाना पड़ रहा .है बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी, लेकिन क्या करें मजबूरी है. गांवों में रोजगार नहीं मिल रहा है. जो गांवों में लोग मौजूद हैं, यदि प्रशासन ने रोजगार नहीं उपलब्ध कराया तो आने वाले समय में वे भी यहां से पलायन कर जाएंगे. बता दें कि सरकार ने मनरेगा के अंतर्गत गांव में लोगों को सौ दिन का रोजगार देने का दावा करती है, लेकिन यह योजना और सरकारी दावा केवल कागजों में चल रहा है. ग्रामीण मनोज यादव, अमित कुमार, राजाराम मंडल, विकास कुमार, विशाल कुमार, रूबी देवी, कविता देवी, रीता देवी, सावित्री देवी ने कहा कि रोजगार दिलाने के बड़े-बड़े.वादे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर काम नहीं दिखाई दे रहा है. स्थानीय अधिकारी की लापरवाही बढ़ती जा रही है. प्रखंड के उपप्रमुख शशि भूषण कुमार सिंह ने कहा कि 7 महीने से मनरेगा योजना में मजदूर को कार्य नहीं दिया जा रहा है. लोग पलायन कर रहे हैं. जिसे मजदूरों में आक्रोश है. स्थानीय अधिकारी के लापरवाही के कारण लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है.

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