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मुंगेर में एक बार फिर खतरे की निशान की ओर बढ़ रही गंगा, बाढ़ की संभावना बढ़ी

मुंगेर में गंगा खतरे के निशान से 40 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. यह तीसरा मौका है जब बाढ़ वापस लौट रही है

मुंगेर.

मुंगेर में गंगा खतरे के निशान से 40 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. यह तीसरा मौका है जब बाढ़ वापस लौट रही है. बाढ़ के कारण पहले से परेशान बाढ़ प्रभावित परिवार एक बार फिर दहशत में आ गये हैं. लंबे समय से गांव-घर छोड़ कर निकले बाढ़ प्रभावित परिवार को घर लौटने की संभावना एक बार फिर क्षीण हो गयी और गृहस्थति की उनको चिंता सताने लगी है.

दो दिन में गंगा के जलस्तर में तीसरी बार वृद्धि

मुंगेर में वार्निंग लेवल से नीचे उतर चुकी गंगा एक बार फिर रौद्र रूप धारण कर लिया है. पिछले दो दिन से गंगा के जलस्तर में तीसरी बार वृद्धि शुरू हो चुकी है. सोमवार को अपराह्न दो बजे गंगा का जलस्तर 39.93 मीटर पर पहुंच गया था. जो खतरे के निशान से मात्र 40 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. विदित हो कि मुंगेर में गंगा पहली बार खतरे के निशान 39.33 से काफी ऊपर चला गया था और बड़ी संख्या में लोग गांव-घर को छोड़ कर बाहर निकल आये थे. प्रशासनिक राहत शिविर में शरण लिया था. लेकिन चार-पांच दिनों के बाद बाढ़ का पानी लगा और वार्निंग लेवल 38.33 मीटर से नीचे गये थे. लेकिन कुछ दिनों बाद ही गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा था और 39.29 मीटर पर पहुंच गया था. जो खतरे के निशान से मात्र चार सेंटीमीटर नीचे थी. उसके बाद फिर पानी उतरने लगा था. तीसरी बार फिर गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ते हुए 39.29 मीटर पर पहुंच गया.

दो माह से खानाबदहोश की जिंदगी जीने को विवश हैं बाढ़ पीड़ित

बाढ़ पीड़ित पिछले करीब दो माह से यहां वहां ऊंचे स्थानों में तंबू लगा अपने परिवार और मवेशियों के साथ खानाबदहोश की जिंदगी जीने को विवश हैं. पानी बढ़ने के कारण उनके गांव और घर लौटने की संभावनाओं पर अभी तक ग्रहण लगा हुआ है. पहली बार बाढ़ के कारण सैकड़ों की संख्या में दियारावासी अपने गांव-घर छोड़ ऊंचे स्थानों पर शरण लेने पहुंचे गए थे. दो बार गंगा के पानी में कमी होने के कारण बाढ़ पीड़ितों का घर वापसी की संभावना काफी बढ़ गई थी. लेकिन तीसरी बार जब गंगा में पानी बढ़ने लगा तो उनका गांव में भी पानी घुसने लगा है. जिसके कारण उनके घर वापसी के सारे रास्ते भी बंद हो गये हैं. सीताचरण दियारा से सैकड़ों परिवार मुंगेर किला के अंदर जिलाधिकारी कार्यालय के सामने पार्क, बबुआ गंगा घाट पर पन्नी के तंबू लगा अपने परिवार और मवेशियों के साथ रह रहे हैं. बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि पिछले दो माह से वे अपने घर वार को छोड़ परिवार और मवेशियों के साथ यहां है. जलवान के लिए लकड़ी , पशु चारा, भोजन हर चीजों के लिए रोजाना संघर्ष करना पड़ रहा है.

कहते हैं एसडीओ

एसडीओ सदर कुमार अभिषेक ने बताया कि तीसरी बार मुंगेर में गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है. लेकिन खतरे के निशान से अभी काफी नीचे है. प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ की स्थिति पर नजर रखी जा रही है.

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