बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था. प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना पर उठ रहा सवाल
हवेली खड़गपुर
सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए करोड़ों खर्च कर रही हो और सुरक्षित प्रसव सहित अन्य सुविधाओं के लिए कई आधारभूत संरचनाएं दे रही हो, लेकिन हवेली खड़गपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है. हद तो यह है कि यहां लंबे समय से महिला चिकित्सक नहीं है. जबकि एएनएम यहां गर्भवतियों का प्रसव करा रही है. ऐसे में यहां प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना का हाल केवल समझा ही जा सकता है.
हर दिन 10 से 12 महिलाओं का प्रसव
हवेली खड़गपुर अनुमंडल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से महिला चिकित्सक का न होना व्यवस्था पर प्रश्न खड़ा कर रहा है. अस्पताल से मिले आंकड़े के अनुसार यहां पर हर दिन 10 से 12 महिलाओं का प्रसव होता है. अब यह सवाल उठता है कि महिला डॉक्टर व ए ग्रेड नर्स नहीं होने के एवज में महिलाओं का प्रसव कैसे होता है. बताया गया कि यहां तैनात एएनएम द्वारा गर्भवतियों का प्रसव कराया जाता है. जो खुद प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व आश्वासन कार्यक्रम पर बड़ा सवाल खड़ा करता है.
आधारभूत संरचना व मैन पावर का अभाव
खड़गपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आधारभूत संसाधनों व मैन पावर के अभाव में ही मरीजों का इलाज तो होता है, लेकिन इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही कहा जा सकता है. इसका कारण आबादी के हिसाब से चिकित्सक व कर्मी की कमी है. ग्रामीण क्षेत्र के लोग सीएचसी में उपचार कराने पहुंचते हैं. अस्पताल में आने वाली गर्भवती की नर्स ही जांच व उपचार करती है. बताया गया कि अस्पताल में महिला चिकित्सक का पद रिक्त है. इमरजेंसी में मरीज के आने पर उसे केवल सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है.
कहते हैं प्रभारी चिकित्सका पदाधिकारी
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुबोध कुमार ने बताया कि महिला चिकित्सक के नहीं रहने से प्रसव में परेशानी होती है. महिला चिकित्सक के लिए कई बार विभाग को लिखा गया. इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र में विशेषज्ञ चिकित्सकों व कर्मियों की कमी भी है. जिससे विभाग के वरीय अधिकारी अवगत हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

