मुंगेर. दलित-महादलित व आदिवासी समुदाय उत्थान में महती भूमिका निभाने के लिए मुंगेर की दिव्यांग बेटी अधिवक्ता गौरी कुमारी को नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया द्वारा भारत रत्न श्री सी सुब्रमण्यम अवार्ड से सम्मानित किया गया. यह सम्मान उन्हें इंडियन हैविटेट सेंटर नई दिल्ली में नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान दिया गया. इस सम्मान पाने पर गौरी को मुंगेर के लोगों ने बधाई दी है. बताते चलें कि अधिवक्ता गौरी सिविल कोर्ट मुंगेर में वकालत करती हैं. जिसे नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया की ओर से भारत रत्नी श्री सी सुब्रमण्यम अवार्ड के चयन किया. वह बिहार से एकलौती है जिसे इस अवार्ड के लिए चुना गया. देश के कुल 14 वैसे लोगों का चयन इस अवार्ड के लिए किया गया जो सक्रिय सामाजिक नेतृत्व और सामुदायिक भागीदारी में ठोस सामाजिक परिवर्तन लाने की क्षमता रखती है. जिसमें गौरी भी एक है. गौरी दलित उत्थान संगठन, मानवाधिकारी संगठन से जुड़ कर दलित, महादलित, आदिवासी एवं बच्चों के अधिकार की रक्षा के लिए काम पिछले कई वर्षों से कर रही है. भारत सरकार और बिहार सरकार की योजनाओं का लाभ दिलवाने में जरूरतमंदों को लगातार मदद करती आ रही है. इस अवार्ड से पहले भी कर्नाटक के बंगलुरू सहित अन्य संगठनों की ओर से गौरी सम्मानित हो चुकी है.
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