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स्नातक के एक सत्र में केवल आवेदन व रजिस्ट्रेशन में एमयू की आमदनी 6.70 करोड़

कहने को तो मुंगेर विश्वविद्यालय को सरकार से बजट के अनुरूप राशि नहीं मिल पा रही है.

विश्वविद्यालय के साथ पेमेंट गेटवे एजेंसी ने कमाये 36.15 लाख

अमित झा, मुंगेर. कहने को तो मुंगेर विश्वविद्यालय को सरकार से बजट के अनुरूप राशि नहीं मिल पा रही है. जिसके कारण विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार आर्थिक परेशानी अधिक हैं, लेकिन इससे अलग विश्वविद्यालय के आमदनी के आंकड़ों को देखें तो यह काफी अचंभित करने वाला है. जिसमें एमयू को अपने सत्र 2025-29 स्नातक सेमेस्टर-1 में केवल नामांकन को लेकर आवेदन और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में कुल 6.70 करोड़ की आमदनी हुई है, जबकि विश्वविद्यालय के पोर्टल पर विद्यार्थियों के पेमेंट को हैंडल करने वाली गेटवे एजेंसी को कुल 36.15 लाख की आदमनी हुई है. बावजूद कॉलेजों में विद्यार्थी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं.

उक्त सत्र में नामांकन को लेकर कुल 45,412 विद्यार्थियों ने किया आवेदन

मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा अपने 33 अंगीभूत एवं संबद्ध कॉलेजों में सत्र 2025-29 स्नातक सेमेस्टर-1 के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूर्ण की गयी. जिसके लिए पहले आवेदन लिया गया. जिसमें विद्यार्थियों से ऑनलाइन आवेदन के लिए एक हजार रुपये का शुल्क लिया गया. वहीं उक्त सत्र में नामांकन को लेकर कुल 45,412 विद्यार्थियों ने आवेदन किया. इसके हिसाब से केवल आवेदन प्रक्रिया में विश्वविद्यालय को कुल चार करोड़ 54 लाख 12 हजार की आमदनी हुई. वहीं इसके बाद विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेजों में नामांकन लिया गया. हालांकि नामांकन शुल्क की राशि कॉलेजों को मिलेगी, जबकि इसके बाद विश्वविद्यालय द्वारा रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूर्ण की गयी. जिसमें विद्यार्थियों से 600 रुपये का रजिस्ट्रेशन शुल्क लिया गया. इसमें कुल 36,051 विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया. इस हिसाब से विश्वविद्यालय को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में कुल दो करोड़ 16 लाख 30 हजार 600 रुपये की आमदनी हुई. ऐसे में विश्वविद्यालय को केवल आवेदन और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में कुल छह करोड़ 70 लाख 42 हजार 600 रुपये की आदमनी हुई.

विद्यार्थियों से 30 से 35 रुपये का शुल्क लेती है गेटवे एजेंसी

बता दें कि एमयू के यूएमआईएस पोर्टल पर प्राइवेट गेटवे एजेंसी कार्य करती है, जो विद्यार्थियों को शैक्षणिक प्रक्रियाओं के दौरान पेमेंट गेटवे उपलब्ध कराती है. इसके लिए एजेंसी द्वारा विद्यार्थियों से 30 से 35 रुपये का शुल्क लिया जाता है. अब ऐसे में देखें तो एजेंसी को केवल स्नातक सेमेस्टर-1 के लिए आवेदन, नामांकन व रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में 36.15 लाख रुपये की आदमनी हुई है. बता दें कि उक्त सत्र में नामांकन को लेकर आये 45,412 आवेदनों में एजेंसी को जहां प्रति विद्यार्थी 30 रुपये अतिरिक्त चार्ज के हिसाब से 13 लाख 62 हजार 360 रुपये की आदमनी हुई. वहीं कॉलेजों में ऑनलाइन नामांकन शुल्क जमा करने के दौरान 39,060 विद्यार्थियों से कुल 11 लाख 71 हजार 800 रुपये की आमदनी हुई. इतना ही नहीं रजिस्ट्रेशन के दौरान गेटवे एजेंसी को 36,051 विद्यार्थियों से प्रति विद्यार्थी 30 रुपये के हिसाब से कुल 10 लाख 81 हजार 530 रुपये की आमदनी हुई.

करोड़ों की आमदनी के बावजूद सुविधाओं को तरस रहे विद्यार्थी

मुंगेर.

33 अंगीभूत एवं संबद्ध कॉलेजों वाले मुंगेर विश्वविद्यालय और उसके पेमेंट गेटवे एजेंसी को प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में करोड़ों की आमदनी होती है. बावजूद कॉलेजों में विद्यार्थी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं. हाल यह है कि एमयू के सभी अंगीभूत एवं संबद्ध कॉलेजों की भवनें सालों पुरानी हैं. जहां न तो सही से ब्लैक बोर्ड है और न ही सही से बेंच व चेयर. इसके अतिरिक्त एमयू के अधिकांश कॉलेजों में न तो विद्यार्थियों के लिए सही से शौचालय की व्यवस्था है और न ही कॉमन रूप या पार्किंग की सुविधा है. हद तो यह है कि करोड़ों की आमदनी वाले एमयू के कॉलेजों में सालों से लाइब्रेरी व प्रयोगशालाएं बदहाल हैं. कुल मिलाकर कहा जाये तो विश्वविद्यालय प्रशासन भले ही खुद को डिजिटल करने का दावा करता हो, लेकिन हकीकत में डिजिटलाइजेशन से दूर भौतिक स्तर पर एमयू व कॉलेजों की स्थिति पूरी तरह बदहाल है.

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