मुंगेर. गंगा तट पर बसे मुंगेर शहर के लोग 20 वर्षाें से पानी के लिए परेशान हैं. इन 20 वर्षों में शहरवासियों को पानी उपलब्ध कराने के नाम पर पानी की तरह रुपया बहाया गया, लेकिन शहरवासियों को पानी नहीं मिल सका है. सितंबर 2020 में अमृत योजना के तहत मुंगेर में 198.46 करोड़ की लागत से शहरी पेयजलापूर्ति योजना का शिलान्यास हुआ और काम प्रारंभ हुआ, लेकिन वर्षों से चल रही यह योजना भी अब तक लोगों की प्यास नहीं बुझा सकी है. निर्माण एजेंसी और बुडको दोनों रन एंड ट्रायल, लीकेज व मरम्मती की समस्या में उलझी हुई है. हाल यह है कि तीन वर्ष बाद भी 3 लाख की आबादी आज भी पानी के लिए परेशान है. अमृत योजना के तहत 4 अगस्त 2020 को मुंगेर शहर का चयन शहरी पेयजलापूर्ति योजना के लिए किया गया. सितंबर 2020 में जेएमसी कंपनी ने योजना का कार्य शुरू किया. इसको 13 अप्रैल 2022 तक काम को पूर्ण होना था. इसके बाद तीन बार कार्य पूर्ण होने का डेट निर्धारित किया गया. लेकिन सभी डेट फेल हो गयेु प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह ने जनता की परेशानी देख कर बुडको और निगम के साथ बैठक की. इसमें शहर में पानी की सप्लाई करने के लिए कई डेट दिया. नगर आयुक्त को भी इसके लिए जिम्मेदारी सौंपी. इसके बाद एजेंसी हरकत में आयी और कुछ वार्डों में आनन-फानन में पानी की जैसे-तैसे सप्लाई शुरू कर दी गयी, लेकिन आज भी शहर के अधिकांश भाग में लोग पानी के लिए परेशान हैं.
इस गर्मी भी मुंगेरवासियों की नहीं बुझेगी प्यास:
नगर निगम, बुडको और निर्माण एजेंसी भले ही शहर में पानी आपूर्ति का दावा कर रही है. लीकेज के कारण कुछ वार्डों में पानी की सप्लाई प्रभावित होने की बात कबूल कर रही है. आज भी शहरी क्षेत्र में पानी की आपूर्ति के नाम में शहरवासियों को ठगा जा रहा है. निगम की मानें तो अभी मात्र पुलिस लाइन जलमीनार से पानी की सप्लाई हो रही है. इससे निगम के वार्ड संख्या 13,14,15,21,22, 23, 25,26 व 27 में ही सुबह और शाम के समय पानी की आपूर्ति की जा रही है. वहीं अभी भी 36 वार्ड में पानी की आपूर्ति करना शेष बचा हुआ है. पाइप लाइन बिछाने में बरती गयी अनियमितता के कारण लीकेज की समस्या उत्पन्न हो गयी है. सूत्रों की मानें तो नगर निगम के सभी 45 वार्ड में पानी की पूर्ण सप्लाई के लिए अभी तीन माह और इंतजार करना पड़ सकता है.रन एंड ट्रायल, लीकेज व मरम्मत में उलझी योजना:
शहरी पेयजलापूर्ति योजना रन एंड ट्रायल, लीकेज एवं मरम्मती में उलझ कर रह गयी है. बताया गया कि मनिया चौराहा से जुड़े वार्ड नंबर 37, 38, 39, 40, 41, 42, 43, 44 व 45 में लीकेज के कारण एक के बाद एक दिन पानी छोड़ा जा रहा है. जबकि सदर प्रखंड स्थिल जलमीनार से वार्ड नंबर 8,16,17 और 19 में रन व ट्रायल का काम ही चल रहा है. यानी इन वार्डों में अभी पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी है. जबकि कबीर मठ स्थित जलमीनार से माधोपुर, वासुदेवपुर, दलहट्टा, लालदरवाजा, पूरबसराय क्षेत्र के वार्डों में पानी की आपूर्ति का अभी ट्रायल ही चल रहा है. एजेंसी की मानें तो लालदरवाजा से पूरबसराय गोशाला मोड़ तक की लीकेज की समस्या को दूर कर लिया है. अब मात्र कुछ जगहों पर ही लीकेज को दुरूस्त करना बांकी है. जबकि गलियों में भी लीकेज की समस्या की दूर किया जा रहा है. यानी इस जलमीनार से संबंद्ध वार्डों में अभी पानी की आपूर्ति संभव ही नहीं है. पांचवां जलमीनार जेआरएस कॉलेज के समीप है. इससे वार्ड संख्या 42, 43, 44 और 45 जुड़ा हुआ है. निर्माण एजेंसी की माने तो एनएच-80 पर निर्माण कार्य के दौरान मैन पाइप लाइन में समस्या उत्पन्न हो गयी. इसके कारण पानी की आपूर्ति अभी संभव नहीं है.कहते हैं नगर आयुक्त:
नगर आयुक्त निखिल धनराज ने कहा कि हर घर नल -जल योजना का कार्य बुडको द्वारा क्रियान्वयन किया जा रहा है. कार्यपालक अभियंता सह परियोजना निदेशक बुडको प्राय: मुख्यालय से बाहर रहते हैं. इसके कारण योजना के क्रियान्वयन में विलंब हो रहा है. इसके लिए बुडको के प्रबंध निदेशक को कार्यपालक अभियंता के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है