बरियारपुर. वृंदावन से पधारे कथावाचक श्याम जी उपाध्याय ने कहा कि भागवत कथा सात दिन इसलिए होती है, ताकि हर व्यक्ति को भगवान का प्रेम, ज्ञान और वैराग्य प्राप्त हो सके. यह भागवत कथा के माध्यम से ही संभव है. यह कथा सात दिन में पूरी होती है. क्योंकि भागवत पुराण में सात स्कंधों में श्रीकृष्ण की लीलाओं और धार्मिक ज्ञान का वर्णन किया गया है. वे सोमवार को श्री मंगला काली स्थान फुलकिया कल्याणपुर में मां काली के प्रतिस्थापना पर आयोजित भागवत कथा में श्रद्धालुओं को प्रवचन करते हुए कही. उन्होंने कहा कि भागवत कथा सात दिन होने के अन्य कारण भी हैं. सप्ताह में सात दिन होते हैं और भागवत कथा को इन सातों दिनों को समर्पित माना जाता है. यह माना जाता है कि सात दिनों की कथा सुनने से सप्ताह के सभी दिनों को शुभ और सार्थक बनाया जा सकता है. सात स्वर्ग और सात नरक हैं. भागवत कथा सुनने से व्यक्ति इन सातों लोकों को पार कर सकता है. इसके लिए सातों दिन भागवत कथा सुनना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि पृथ्वी के चारों ओर सात सागर है. जिस तरह सरगम में सात स्वर होते हैं. वैसे भागवत कथा सुनने से व्यक्ति इन सातों स्वरों को सुन सकता है और उनका आनंद ले सकता है. कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष सूर्यकांत चौधरी, राजीव सूर्या, रजनीश चौधरी, राजेश चौधरी, अमर चौधरी, कन्हैया चौधरी समेत समस्त ग्रामीण अपना सहयोग कर रहे हैं. मौके पर मंदिर परिसर में दीपोत्सव भी किया गया.
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