मुंगेर / टेटियाबंबर इस बार समय पर हो रही अच्छी बारिश से खेतों में धान की फसल लहलहा रही है और फसल में बाली निकलने लगी है. खेतों में लगे फसल में लगभग 20 से 50 फीसद तक बाली बाहर निकल आयी है और अब इसमें परागन के बाद दाना भरेगा. ऐसे वक्त में धान को साफ मौसम की आवश्यकता होती है. ताकि धान में ओस की बूंदें भर कर चावल का दाना बन सके. लेकिन रोज हो रही बारिश से धान की फसल पर संकट उत्पन्न हो जायेगा और किसानों के मेहनत पर पानी फिर जायेगा. कई वर्ष बाद इस वर्ष प्रखंड में 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धनरोपनी हुई है. पहले प्रखंड में सामान्य मौसम रहने से चार लाख एमटी तक धान उपजता रहा है. लेकिन अबकी यह सारा रिकाॅर्ड तोड़कर पांच लाख एमटी तक पहुंच सकता है. भुना एवं बदरघट्टा गांव के किसान शिव सिंह, वकील मंडल ने बताया कि अबतक धान के फसल को मौसम का ऐसा साथ कभी नहीं मिला था. समय पर बारिश से पहले अगात रोपनी हुई. इसके बाद भी लगातार बारिश से धान का साथ मिलता रहा. खेतों में कोई बीमारी भी नहीं दिख रही है. जिन किसानों ने जून अंत और जुलाई के शुरुआत में धान की रोपनी की, उसमें अब बाली निकल रही है. अगर लगातार बारिश होती रही तो धान में दाना के बदले खखरी की संभावना बढ़ जाएगी. अभी बारिश का बड़ा नक्षत्र हथिया का घुस गया है. अगर मौसम साफ रहा तो रिकाॅर्ड धान उत्पादन को कोई रोक नहीं सकेगा. धान का सारा फूल एक साथ नहीं निकलता है. यह परागन में सात दिनों का वक्त लेता है. परागन के दौरान सात दिन लगातार बारिश होने पर ही फसल खराब होगा.
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