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भगीरथ ने महादेव को प्रसन्न कर गंगा को स्वर्ग से धरती पर किया अवतरित : रामजी शास्त्री

गंगा को अपनी जटाओं में समाहित कर लेंगे, जिससे धरती पर विनाश नहीं होगा

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संग्रामपुर नगर पंचायत संग्रामपुर के लक्ष्मीपुर स्थित वैष्णवी चैती दुर्गा मंदिर परिसर में रामनवमी के अवसर पर आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय श्री शिवमहापुराण कथा का समापन सोमवार को हो गया. मौके पर कथावाचक राम जी भाई शास्त्री ने राजा सगर के अवतरण की कथा पर प्रवचन किया. कथावाचक ने कहा कि भगवान राम के पूर्वजों में सगर नाम के एक प्रतापी राजा हुआ करते थे. जिनकी दो रानियां थी. जिसमें एक रानी से 60 हजार पुत्र हुए और दूसरी रानी से केवल एक पुत्र. मां गंगा ने भगीरथ से कहा कि वे स्वर्ग से अति तीव्र वेग से धरती पर उतरेंगी तो इससे धरती उनका वेग सहन नहीं कर पाएंगी. उनके रास्ते में जो चीजें आएंगी, वे नष्ट हो जाएंगी. तब भगीरथ ने भगवान विष्णु से इस समस्या का हल सुझाने की विनती की. भगवान विष्णु ने बताया कि इसका समाधान भगवान भोलेनाथ ही कर सकते हैं. भगीरथ ने अपनी तपस्या से शिवजी को प्रसन्न किया और महादेव ने कहा कि वह गंगा को अपनी जटाओं में समाहित कर लेंगे, जिससे धरती पर विनाश नहीं होगा. इस तरह से गंगा जब अतिवेग से धरती पर उतरीं, तब देवाधिदेव शंकर ने उन्हें अपनी जटाओं बांध लिया और उसकी कम वेग वाली धारा को भारत भूमि पर प्रवाहित किया. कथा को आगे बढ़ते हुए भारतवर्ष में 12 ज्योतिर्लिंग अलग-अलग स्थानों पर स्थित है. इनमें सर्वप्रथम श्री सोमनाथ जी का स्मरण किया जाता है. मान्यता है कि भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से ही सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सोमनाथ गुजरात, मल्लिकार्जुन आंध्रप्रदेश, महाकालेश्वर मध्यप्रदेश, ओंकारेश्वर मध्यप्रदेश, केदारनाथ उत्तराखंड, भीमाशंकर महाराष्ट्र, काशी विश्वनाथ उत्तर प्रदेश, र्त्यंबकेश्वर महाराष्ट्र, वैद्यनाथ धाम झारखंड, रामेश्वर तमिलनाडु व घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के संभाजी नगर के समीप दौलताबाद के पास स्थित है. इनके दर्शन मात्र से इंसान मोक्ष की प्राप्ति कर लेता है. ———————————————– बॉक्स ———————————————— श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की झांकी के साथ रामलीला सह रासलीला संपन्न असरगंज : श्री सरस्वती सेवा समिति, असरगंज के प्रांगण में आयोजित नौ दिवसीय रामलीला सह रासलीला कार्यक्रम का समापन भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की झांकी की प्रस्तुति के साथ किया गया. वृंदावन से आये कलाकारों ने श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर विवाह तक की वृतांत झांकी पेश की. झांकी में माखन चुराना, गोपियों के साथ गाय चराना तथा विवाह कार्यक्रम का बड़ा ही सुंदर दृश्य दिखाया गया. कलाकारों ने नौ दिनों तक विभिन्न देवी-देवता सहित धार्मिक कथाओं पर अधारित झांकी का मनोहर दृश्य पेश किया. जिसे देख श्रद्धालु भावविभोर हो गये. मौके पर जिला परिषद सदस्य अनिल कुमार सिंह, समिति के अध्यक्ष मुनेश्वर प्रसाद साह, उपाध्यक्ष राजेश साह, सचिव चंदन कुमार पूर्वे, उपसचिव राजकुमार पंजियारा, कोषाध्यक्ष मनोहर प्रसाद साह, संयोजक सुधांशु साह उर्फ फंटूश राणा, दिलीप कुमार रंजन, अनिल वैध, शंभू मंडल सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे.

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