मुंगेर. गंगा का जलस्तर बढ़ने से एक बार पुन: मुंगेर जिले में बाढ़ का संकट गहरा गया है. जिससे पहले से प्रभावित परिवारों की मुश्किल बढ़ गयी है. एक ओर जहां गांव और घरों में पानी घुसने लगा है, वहीं कई विद्यालयों में भी दोबारा पानी प्रवेश कर गया है. सबसे अधिक परेशानी तो सड़कों, पार्कों, गंगा किनारे घाटों पर खानाबदहोश की जिंदगी जी रहे बाढ़ प्रभावित को हो रही है. जिसके घर वापसी पर जहां ब्रेक लग गया है. वहीं सरकारी राहत का दरवाजा भी बंद पड़ा है, जबकि जो घर लौट चुके थे, वे दोबारा घर छोड़ने लगे हैं.
खतरे के निशान से मात्र 39 सेंटीमीटर नीचे बह रही
गंगा
मुंगेर में गंगा खतरे के निशान से 39 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. हालांकि गंगा के जलस्तर में वृद्धि की रफ्तार गुरुवार की अपेक्षा शुक्रवार को काफी धीमी रही. आपदा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार की रात 10 बजे गंगा का जलस्तर 38.76 मीटर था. जबकि शुक्रवार की सुबह 6 बजे 38.92 सेंटीमीटर रहा. यानी इस अवधी में मात्र 16 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई. हालांकि उसके बाद गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी रुक गयी. लेकिन शुक्रवार की सुबह 10 बजे के बाद गंगा के जलस्तर में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होनी शुरू हो गयी और अपराह्न दो बजे गंगा का जलस्तर 38.94 मीटर पर पहुंच गया. संभावना व्यक्त किया जा रहा है, इलाहाबाद और बनारस में जहां गंगा का जलस्तर घटने लगा है, वहीं बक्सर और पटना में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी रुक गयी है. अगर स्थिति यहीं रही तो शनिवार से मुंगेर में भी पानी घटना शुरू हो जायेगा.
गांव-घर में घुसा बाढ़ का पानी, त्राहिमाम कर रहे लोग
गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से एक बार फिर मुंगेर में बाढ़ का संकट उत्पन्न हो गया है. जाफरनगर पंचायत के सीताचरण इलाके में गांव व घर के कमरे में पानी प्रवेश कर गया है. जबकि कुतलुपुर, जाफरनगर, टीकारामपुर पंचायत के दर्जनों गांव में फिर से पानी घुस गया है. साथ ही एक दर्जन विद्यालयों में भी पानी प्रवेश कर गया है. जिन इलाकों से पानी निकल चुका है, पुन: वहां बाढ़ का पानी घुस गया है. जिसके कारण वहां की जनता त्राहिमाम करने लगी है. कुछ लोग गांव-घर छोड़ कर बाहर निकलने लगे है, जबकि कुछ लोग घर छोड़ने की तैयारी कर रही है.
चंडिका स्थान में प्रवेश किया बाढ़ का पानी
प्रसिद्ध शक्तिपीठ चंडिका स्थान में एक बार फिर से बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. एहतियात बरतते हुए तत्काल मंदिर का पट बंद कर दिया गया. बताया जाता है कि गुरुवार को चंडिका स्थान मंदिर के गर्भगृह में पानी घुस गया. देखते ही देखते दो से तीन फीट पानी खड़ा हो गया. श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रबंधन ने तत्काल मंदिर का पट बंद कर दिया और मुख्य गेट में ताला लगा दिया. अब श्रद्धालु मुख्य द्वार के गेट पर से ही माता चंडी का पूजा-अर्चना कर रहे है.
घर वापसी पर लगा ब्रेक, सरकार राहत भी पड़ा है बंद
मुंगेर. बाढ़ के कारण गांव से लेकर शहर तक 2.50 लाख से अधिक की आबादी प्रभावित हुई थी. जिसने सड़क, पार्क, रेलवे पटरी किनारे, गंगा घाट को अपना ठिकाना बना लिया था. बड़ी संख्या में मवेशियों के साथ किसानों ने सड़क किनारे डेरा डाल दिया था. जब गंगा का जलस्तर 39.33 के पार किया तो जिला प्रशासन की ओर से राहत शिविर व सामुदायिक किचन शुरू किया. 45 राहत केंद्र, सामुदायिक किचन संचालित कर बाढ़ पीड़ितों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया गया. लेकिन खतरे के निशान से पानी नीचे होते ही सरकारी राहत बंद हो गया. लोग गांव-घर लौटने की तैयारी करने लगे. लेकिन इसी बीच एब बार पुन: बाढ़ लौट आई. जिसके कारण उनके घर वापसी पर ब्रेक लग गया. जो खानाबदहोश की जिंदगी जीने को विवश है.
कटाव निरोधक कार्य को लेकर निगम के तीन कर्मी प्रतिनियुक्त
मुंगेर. मुंगेर सदर प्रखंड के कुतलुपुर पंचायत में हो रहे कटाव को लेकर चलाये जा रहे कटाव निरोधक कार्य के अनुश्रवण व सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए नगर निगम के तीन कर्मियों को कटाव क्षेत्र में प्रतिनियुक्त किया गया है. जिलाधिकारी निखिल धनराज ने आदेश में कहा कि कुतलुपुर पंचायत के वार्ड नंबर-6 हरि बाबू टोला व वार्ड नंबर-4 बिंद टोली के गंगा का तटीय भाग में बाढ़ के कारण कटाव से प्रभावित है. जहां बाढ नियंत्रण प्रमंडल बेगूसराय के कार्यपालक अभियंता की देखरेख में कटाव निरोधक कार्रवाई की जा रही है. इस कटाव क्षेत्र में किसी प्रकार की अप्रिय घटना की रोकथाम, कटाव निरोधक कार्य के अनुश्रवण एवं सूचनाओं के आदान-प्रदान करने के लिए नगर निगम मुंगेर के लोक स्वच्छता पदाधिकारी मो. गुलाम रब्बानी, पिंटू कुमार एवं लेखापाल संजय कुमार गुड्डू को अगले आदेश तक के लिए प्रतिनियुक्त किया है.
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