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काली पट्टी बांधकर रोजेदारों ने मस्जिदों में पढ़ी अलविदा जुमे की नमाज

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर रमजान के आखरी जुमे अलविदा की नमाज मुसलमानों ने काली पट्टी लगाकर मस्जिदों में अदा की.

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मुंगेर. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर रमजान के आखरी जुमे अलविदा की नमाज मुसलमानों ने काली पट्टी लगाकर मस्जिदों में अदा की. खानकाह रहमानी मुंगेर के सज्जादानशीं और बिहार, बंगाल, उड़ीसा, झारखंड के अमीर-ए-शरीअत हज़रत मौलाना अहमद अली फैसल रहमानी के मार्गदर्शन में खानकाह में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने काला बिल्ला लगा के नमाज अदा की. एक साथ मुल्क की तरक्की और मुल्क में अमन-चैन के लिए हजारों हाथ मस्जिदों में उठे.

माह-ए-रमजान के अलविदा नमाज को लेकर सुबह से ही घरों में जहां तैयारी शुरू हो गयी थी. वहीं मस्जिदों में भी तैयारी की गयी थी. अलग-अलग मस्जिदों में निर्धारित समय पर नमाज अदा करने के लिए लोगों की भीड़ मस्जिदों में उमड़ पड़ी. जामा मस्जिद, गुलजार पोखर, दिलावरपुर, नया गांव, चुरंबा, सुजावलपुर, हजरतगंज बाड़ा, किला के अंदर की मस्जिदों, खानकाह मस्जिद सहित शहर से लेकर गांव तक की मस्जिदों में अलविदा की नमाज अदा की गयी. रमजान के अंतिम जुमे अलविदा की नमाज को लेकर मस्जिदों के आस-पास सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किये गये थे. तोपखाना बाजार स्थित जामा मस्जिद के बाहर मुख्यालय एएसपी पंकज कुमार, दंडाधिकारी सहित कोतवाली थानाध्यक्ष राजीव कुमार दल बल के साथ मौजूद थे. इधर नमाज से पहले जामा मस्जिद के इमाम रागीब रहमानी ने कहा कि रमजान का महीना बड़ा पाक और महत्वपूर्ण होता है. क्योंकि यह महीना बरकत व मगफिरत और जहन्नम से निजात का महीना है. इस महीने में अल्लाह पाक ने कुरान को दुनिया में उतारा. उन्होंने कहा कि हदीस के मुताबिक इस माह के तीन अशरा होते हैं. अभी रमजान का आखिरी अशरा चल रहा है, जो कि जहन्नम से आजादी दिलाने का है. इस माह के आखिरी अशरे में एक रात ऐसी भी आती है, जो हजार महीनों की इबादत से बेहतर है. वह मुबारक रात रमजान के 21वीं, 23वीं, 25वीं, 27वीं और 29वें रोजे की रात होती है. इस रात में मुसलमानों को चाहिए की अपने वक्त को इबादते इलाही में गुजारे और अल्लाह तआला से मगफिरत की दुआ करें.

वक्फ बिल आने से संविधान में विश्वास रखने वाले होंगे परेशान : फैसल रहमानी

मुंगेर. वक्फ बिल के विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रमजान के आखिरी जुमे की नमाज में काली पट्टी बांधने की अपील की थी. जिसके कारण मुंगेर के खानकाह रहमानी सहित सभी मस्जिदों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आखिरी जुमे की नमाज अपने दाएं बांह पर काला पट्टी लगा अदा की. बिहार, बंगाल, ओडिशा व झारखंड के अमीर-ए-शरीअत हज़रत मौलाना अहमद अली फैसल रहमानी ने भी काली बांध कर खानकाह मस्जिद में नमाज अदा की.

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वफ्फ बिल लाया जा रहा है. जिससे अल्पसंख्यक समुदायों के साथ ही बहुसंख्यक सहित वैसे सभी लोग परेशान हैं जो संविधान में विश्वास रखते हैं. इस बिल से जितने भी अल्पसंख्यक समुदाय हैं. सभी को खतरा है. इस कारण पटना में भी प्रदर्शन हुआ था. सबको लगता है कि यह बिल तमाम अल्पसंख्यकों को खत्म करने वाला बिल है. अगर यह बिल पास हो जाता है तो अपने पैसे से बनाए घर, अस्पताल, यूनिवर्सिटी, मस्जिद सभी खत्म हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि इससे तमाम लोग परेशान हैं कि आखिर हुकूमत को क्या हो गया है. अपने इसी परेशानी को दिखाने को लेकर काला बिल्ला लगा आज नमाज पढ़ रहे है. ताकि हुकूमत देख सके कि लोग कितने परेशान है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छवि धर्मनिरपेक्ष वाली है. तो वे हमारी बातें क्यों नहीं सुन रहे है. उनको तो अब तक हमारी बातें सुन और समझ जानी चाहिए थी. उन्हीं को सुनाने और समझाने के लिए सारी बातें ही रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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