मुंगेर. 20 लाख से अधिक जनसंख्या वाले मुंगेर जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल का दंत विभाग केवल मरीजों का दांत उखाड़ने तक ही सिमटा है. जबकि यहां दांत की बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए आरसीटी तथा फिलिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं है. हद तो यह है कि यहां आरसीटी, फिलिंग, वायटनिंग के लिए कई अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं. लेकिन बाबा आदम जमाने के पुराने कन्वेंशन चेयर के कारण इन उपकरणों का उपयोग मरीजों के लिये नहीं हो पा रहा है. यह हाल तब है, जब सदर अस्पताल के ओपीडी में संचालित दंत विभाग में प्रतिदिन 20 से 25 दांत की परेशानी से पीड़ित मरीज इलाज के लिये पहुंच रहे हैं. जहां सुविधा नहीं होने के कारण मरीज निजी अस्पतालों और दंत क्लीनिकों की ओर जा रहे हैं.
केवल दांत उखाड़ने और साफ करने की है सुविधा
सदर अस्पताल के प्री-फैब्रिकेटेड में ओपीडी का संचालन होता है. जहां दंत विभाग का संचालन भी होता है, लेकिन यहां केवल मरीजों को दांत उखाड़ने तथा दांत को साफ करने की सुविधा ही मिल रही है. जबकि रूट कनाल, दांत भराई, दांत वाइटनिंग आदि की सुविधा नहीं मिल रही है. सदर अस्पताल के ओपीडी में प्रतिदिन 20 से 25 दांत के मरीज पहुंच रहे हैं. यह हाल जिला मुख्यालय के सदर अस्पताल में संचालित दंत विभाग की है तो जिले के अन्य अनुमंडल अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों में दांत के मरीजों को मिल रही सुविधाओं का केवल अंदाजा ही लगाया जा सकता है.
काफी पुराना है कन्वेंशन चेयर
सदर अस्पताल के दंत विभाग का हाल यह है कि यहां आरसीटी, फिलिंग, वाइटनिंग, दांत भराई आदि के लिए कई अत्याधुनिक उपकरण मौजूद हैं, लेकिन यहां सालों से बाबा आदम के जमाने का कन्वेंशन चेयर पड़ा है. जिस पर इन उपकरणों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. अब बाबा आदम जमाने का कन्वेंशन चेयर होने के कारण उपकरण अलमारी में ही शोभा बढ़ा रहे हैं. हद तो यह है कि इस बाबा आदम जमाने के कन्वेंशन चेयर पर दांत की जांच करने के लिए लगा लाइट भी पिछले दो माह से खराब पड़ा है.
सोमवार से शुक्रवार ही चलता है दंत विभाग
अस्पताल का दंत विभाग सप्ताह में 6 दिन की जगह केवल पांच दिन ही चलता है, क्योंकि सदर अस्पताल के दंत विभाग में केवल एक चिकित्सक डॉ पुतुल कुमारी ही कार्यरत है. जो खुद सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्ति पर है. जबकि उनका मूल कार्य स्थल असरगंज स्वास्थ्य केंद्र में हैं. हद तो यह है कि दंत विभाग में नियमानुसार एक जीएनएम, एक चतुर्थवर्गीय कर्मी तथा उपकरणों को साफ रखने के लिए स्टेलाइजेशन की व्यवस्था होनी है, लेकिन चिकित्सक के अलावे न तो यहां कर्मी हैं और न ही सुविधाएं. जबकि सप्ताह में एक दिन शनिवार को अस्पताल के एकमात्र दंत चिकित्सक की ड्यूटी जेल में भी है. जिसके कारण शनिवार को अस्पताल में दंत विभाग बंद रहता है.
दंत विभाग के लिए उपकरण और नये चेयर की डिमांड की गयी है. वहीं अस्पताल में एक ही चिकित्सक है, जिसके कारण परेशानी हो रही है. हालांकि जल्द ही उपकरण मिलने पर सभी सुविधाएं मरीजों को मिलेगी.डॉ विनोद कुमार सिन्हा, सिविल सर्जनB
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