– बर्न मरीजों को गर्मी में नहीं मिल पा रहा एसी, गर्मी के कारण परेशान
मुंगेरसदर अस्पताल के बाहर भले ही ”मुस्कुराइये आप सदर अस्पताल में हैं” का बोर्ड लोगों को यहां मिल रही स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये आकर्षित करता है. सदर अस्पताल की बदहाली का आलम यह है कि यहां एक ही वार्ड कभी बर्न वार्ड बन जाता है तो कभी डेंगू वार्ड. जहां लगा एसी भी खराब पड़ा है. जिसके कारण यहां भर्ती बर्न के मरीजों की मुसीबत को खुद ही समझा जा सकता है. हद तो यह है कि सदर अस्पताल में गर्मी के दौरान सबसे अधिक होने वाली बीमारी दस्त व डायरिया के मरीजों को भर्ती करने के लिये आइसोलेशन वार्ड के नाम पर खुला बरामदा है. जहां भर्ती दस्त व डायरिया के मरीजों के लिये इलाज कराना और अधिक मुसीबत है. हलांकि गुरूवार को जिलाधिकारी के निरीक्षण में यहां के व्यवस्थाओं की पोल पहले ही खुल चुकी है.
एक ही वार्ड कभी बर्न तो कभी बन जा रहा डेंगू वार्ड
मुंगेर को कहने को तो 5 फरवरी को 32 करोड़ की लगात से बना 100 बेड का अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस मॉडल अस्पताल मिल चुका है, लेकिन सदर अस्पताल उद्घाटन के चार माह बाद भी पुराने भवन में चल रहा है. जहां महिला वार्ड की ओर एक वार्ड बना है. जो कभी बर्न तो कभी डेंगू वार्ड बन जा रहा है. हलांकि यह भवन बनाया गया था परिवार नियोजन कराने वाले लाभुकों के लिये, लेकिन परिवार नियोजन के लाभुक की जगह यहां कभी बर्न के तो कभी डेंगू के मरीज भर्ती किये जाते हैं. वर्तमान में इस वार्ड में बर्न के मरीजों को भर्ती किया जाता है. हलांकि उनके लिये यहां एसी लगाया गया है, लेकिन एसी भी लंबे समय से खराब पड़ा है. ऐसे में बर्न के मरीजों के लिये गर्मी में यहां इलाज कराना और अधिक मुसीबत हो जा रहा है.
आइसोलेशन वार्ड के नाम पर खुला बरामदा
गर्मी ने अब अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. ऐसे में अब सदर अस्पताल में दस्त व डायरिया के मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है. इसका अंदाजा केवल इसी बात से लगाया जा सकता है कि गर्मी बढ़ने के साथ मात्र 48 घंटों में ही सदर अस्पताल में दस्त व डायरिया के 26 मरीज भर्ती हो चुके हैं. जिसके इलाज के लिये सदर अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड के नाम पर पुरूष वार्ड का खुला बरामदा है. जहां दस्त व डायरिया के मरीजों को भर्ती किया जाता है. हद तो यह है कि लगभग 40 डिग्री सेल्सियस तापमान और लू भरी गर्म हवाओं के बीच इस खुले बरामदे पर मरीज पंखे की गर्म हवाओं के भरोसे ही इलाज करा रहे हैं. जिसके कारण दस्त व डायरिया के मरीज अस्पताल में भर्ती होने से भी कतराने लगे हैं और इलाज के दौरान केवल स्लाइन चढ़ा कर घर चले जा रहा हैं.
कहते हैं मरीज
महिला वार्ड की ओर बने बर्न या डेंगू वार्ड में वर्तमान में बर्न के दो मरीज भर्ती हैं. जिनके परिजनों ने बताया कि यहां एसी तो लगा है, लेकिन वह चलता नहीं है. इस गर्मी में यहां लगे पंखे से भी राहत नहीं मिलती है. परिजनों ने बताया कि जलने के कारण उनके मरीजों को अधिक जलन हो रही है. ऐसे में यहां गर्मी कम करने के लिये एसी की व्यवस्था होनी चाहिए थी, लेकिन एसी खराब पड़ा है. जिससे परेशानी हो रही है. अस्पताल प्रबंधन को यहां आकर वार्ड की हालत दिखनी चाहिए.
कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डा. विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि बीएमएसआईसीएल को मॉडल अस्पताल हैंडओवर लेकर दोबारा निरीक्षण के लिये कहा गया है. जल्द ही सभी वार्डों को मॉडल अस्पताल में शिफ्ट करने की प्रक्रिया आरंभ की जायेगी. जहां सभी व्यवस्था मरीजों को होगी. हलांकि बर्न वार्ड में एसी नहीं चल रहा. इसे लेकर अस्पताल प्रबंधक को निर्देशित कर एसी ठीक कराया जायेगा.
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