जिस विषय में दी पीजी की स्वीकृति, उसी के शिक्षक विश्वविद्यालय में नोडल अधिकारी
– एसकेआर कॉलेज, बरबीधा में जंतु विज्ञान विषय के केवल एक अतिथि शिक्षक, पीजी की मिली स्वीकृति मुंगेरमुंगेर विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा का हाल पूरी तरह बदहाल हो चुका है. विश्वविद्यालय की कार्य प्रणाली भी अब सवालों के घेरे में आने लगी है. एमयू प्रबंधन उच्च शिक्षा को लेकर कितना सजग है. इसका अंदाजा केवल इसी बात से लगाया जा सकता है कि विश्वविद्यालय द्वारा जिस कॉलेज को जंतु विज्ञान विषय में पीजी की पढ़ाई आरंभ करने की स्वीकृति दी. उस कॉलेज के जंतु विज्ञान विषय के नियमित शिक्षक को विश्वविद्यालय का नोडल अधिकारी बना दिया है. जबकि वर्तमान में उस कॉलेज में यह विषय अतिथि शिक्षक के भरोसे हो रहा है.जंतु विज्ञान विषय में पीजी की स्वीकृति, नियमित शिक्षक बने अधिकारी
विश्वविद्यालय द्वारा 16 अक्तूबर को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि विश्वविद्यालय द्वारा एसकेआर कॉलेज, बरबीधा में जंतुविज्ञान विषय में पीजी की पढ़ाई आरंभ करने की स्वीकृति दी है. जिसके लिये कॉलेज को 30 सीट भी दिये गये हैं, लेकिन एसकेआर कॉलेज, बरबीधा में वर्तमान में जंतु विज्ञान विषय में मात्र एक अतिथि शिक्षक हैं. जबकि पूर्व में पदस्थापित उक्त कॉलेज के जंतु विज्ञान की शिक्षक डॉ कुंदनलाल को विश्वविद्यालय द्वारा एमयू का नोडल अधिकारी बना दिया गया है. जिनके कंधों पर यूएमआईएस पोर्टल के सुचारू संचालन सहित विद्यार्थियों के सभी शैक्षणिक प्रक्रियाओं को पोर्टल पर सुचारू रूप से उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है. अब ऐसे में बिना नियमित शिक्षक के ही विश्वविद्यालय द्वारा एसकेआर कॉलेज, बरबीधा में जंतु विज्ञान के लिये 30 सीटों पर पीजी की पढ़ाई आरंभ करने की स्वीकृति दे दी है.अधिसूचना में संबद्ध कॉलेज का जिक्र, सूची में शामिल 7 अंगीभूत कॉलेज
बता दें कि एमयू प्रशासन द्वारा 16 अक्तूबर को एक अधिसूचना जारी की गयी. जिसमें कहा गया है कि 12 सितंबर को आयोजित सीनेट बैठक निर्णय के अनुसार 7 कॉलेजों को पीजी की पढ़ाई आरंभ करने की स्वीकृति दी जाती है. हलांकि विश्वविद्यालय की अधिसूचना में 7 कॉलेजों को संबद्ध कॉलेज बताया गया है, लेकिन सूची में जिन 7 कॉलेजों का नाम है. वे सभी कॉलेज एमयू के अंगीभूत कॉलेज हैं. अब ऐसे में एमयू प्रशासन के अपने ही अधिसूचना ने विश्वविद्यालय की कार्य प्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

