प्रतिनिधि, असरगंज प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में आशा कार्यकर्ताओं के चयन में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी करने का मामला सामने आया है. चयन प्रक्रिया में सरकार द्वारा निर्धारित की गई नियमों को ताक पर रखकर चयन प्रक्रिया बंद कमरे में पूरा किया गया है. इसका न तो प्रचार प्रसार किया गया और न ही आमसभा ही बुलाई गई. मार्गदर्शिका के अनुसार आशा चयन में क्षेत्र में प्रचार-प्रसार किया जाना था और इसके उपरांत आमसभा आयोजित कर आशा का चयन किया जाना था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिम्मेदार नियमों को ताख पर आशा की चयन प्रक्रिया में धांधली बरती. जबकि मार्गदर्शिका में स्पष्ट है कि सामान्य योग्यता की स्थिति में विधवा महिला को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. सजुआ पंचायत के मुखिया धर्मेंद्र मांझी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा कार्यकर्ता के चयन के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई और मनमानी तरीके से चयन कर लिया गया. बाद में हमसे हस्ताक्षर करवा लिया गया. सजुआ में किन अभ्यर्थियों की बहाली की गई, इसकी भी जानकारी नहीं दी गई. इधर स्वास्थ्य प्रबंधक मो. आफाक ने बताया कि अमैया पंचायत में चार, चौरगांव में तीन, जोरारी में दो, सजुआ में तीन, मकवा में दो एवं रहमतपुर में एक आशा कार्यकर्ता का चयन किया गया. इस संबंध में तारापुर एसडीओ राकेश रंजन ने बताया कि कई जगह आशा के चयन में अनियमितता की शिकायत मिली है. चयन से वंचित अभ्यार्थी इसकी शिकायत सिविल सर्जन कार्यालय, मुंगेर में करें.
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