मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय के लिये साल 2025 मिलाजुला ही रहा, लेकिन इस साल एमयू ने अपने लिये दो बड़ी उपलब्धियां हासिल की. सात साल बाद आखिकार विश्वविद्यालय के लिये अंतिम रूप से लगभग 20 एकड़ जमीन का चयन पूरा हो गया. वहीं एमयू को अपने 20 पीजी विभागों के लिये पदों की स्वीकृति भी मिल गयी. इसके अतिरिक्त लंबे समय से सीनेट चुनाव की मांग कर रहे विश्वविद्यालय के शिक्षकों को भी अपने लिये विश्वविद्यालय के सक्षम प्राधिकार में प्रतिनिधि मिल गया.
सात साल बाद नौवागढ़ी मौजा में मिली जमीन
एमयू की स्थापना 18 मार्च 2018 को हुई थी. इस दौरान तिलकामांझी विश्वविद्यालय से अलग कर मुंगेर विश्वविद्यालय का निर्माण किया गया था. इसके अतिरिक्त पूर्णिया विश्वविद्यालय व पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय भी बना. अपने स्थापना के सात सालों में पूर्णिया विश्वविद्यालय व पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय को अपने लिये जमीन मिल गया. वहीं एमयू को अपने लिये जमीन नहीं मिल पाया था. हलांकि साल 2019 से ही एमयू के लिये मुंगेर में कई जगहों पर जमीन की तलाश की गयी, लेकिन किसी भी जमीन पर सहमति नहीं बन पायी. इसके बाद साल 2025 के मार्च में आयोजित एमयू के दूसरे दीक्षांत समारोह के दौरान कुलाधिपति सह राज्यपाल आरिफ मो आरिफ मोहम्मद खान ने नौवागढ़ी में एमयू के लिये 19.98 एकड़ जमीन चयनित किये जाने की घोषणा की. जमीन चयन की सभी प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है. जिला प्रशासन द्वारा जल्द ही जमीन अधिग्रहण आरंभ करने का आश्वासन भी विश्वविद्यालय को दिया गया है.
20 पीजी विभागों के लिये मिली पदों की स्वीकृति
एमयू के लिये जमीन चयन के अतिरिक्त साल 2025 में सबसे बड़ी उपलब्धि अपने 20 पीजी विभागों के लिये पद सृजन की स्वीकृति सरकार से मिलना ही है. बता दें कि एमयू द्वारा साल 2020 में 20 पीजी विभागों को आरंभ किया गया. जिसके लिये पद सृजन की स्वीकृति को लेकर सरकार के पास प्रस्ताव भी भेजा गया था, लेकिन यह मामला एमयू के पहले कुलपति प्रो रणजीत कुमार वर्मा द्वारा पीजी स्कूलों को लेकर भेजे गये प्रस्ताव के कारण पेंच में फंस गया. जो 2024 तक फंसा रहा. इस बीच साल 2025 के अगस्त माह में सरकार से एमयू के 20 पीजी विभागों के लिये 167 पदों की स्वीकृति मिल गयी है.
—सीनेट चुनाव के बाद शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मियों को मिला अपना प्रतिनिधि
मुंगेर. वर्ष 2025 मुंगेर विश्वविद्यालय (एमयू) के साथ-साथ उसके शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि भरा वर्ष साबित हुआ. वर्षों से लंबित मांग के बाद आखिरकार वर्ष 2025 में सीनेट चुनाव संपन्न होने से विश्वविद्यालय से जुड़े शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मियों को विश्वविद्यालय के सर्वोच्च प्राधिकार सीनेट में अपना प्रतिनिधि मिल गया. जानकारी के अनुसार मुंगेर विश्वविद्यालय में अगस्त 2025 में सीनेट चुनाव सफलतापूर्वक आयोजित किया था. चुनाव के माध्यम से विश्वविद्यालय के अंगीभूत व संबद्ध महाविद्यालयों को अपने-अपने सीनेटर मिले. इससे विश्वविद्यालय की शैक्षणिक व प्रशासनिक व्यवस्था में शिक्षकों की भागीदारी व भूमिका और अधिक सशक्त हो गयी है. सीनेट चुनाव का सबसे अहम पहलू यह रहा कि विश्वविद्यालय के 17 अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को भी अपना प्रतिनिधि चुनने का अवसर मिला. चुनाव संपन्न होने के बाद शिक्षकेत्तर कर्मियों को भी सीनेट में प्रतिनिधित्व प्राप्त हुआ, जिससे लंबे समय से चली आ रही उनकी मांग पूरी हो सकी.शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने सीनेट चुनाव को लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है. उनका कहना है कि अब विश्वविद्यालय से जुड़े महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों में उनकी आवाज सीधे तौर पर सीनेट के माध्यम से सुनी जा सकेगी. इससे विश्वविद्यालय के विकास, कर्मचारियों के हितों व शैक्षणिक गुणवत्ता को लेकर निर्णय अधिक प्रभावी व व्यावहारिक होंगे. सीनेट चुनाव के सफल आयोजन पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी संतोष व्यक्त किया है. अधिकारियों का कहना है कि इससे विश्वविद्यालय में पारदर्शिता व सहभागिता को बढ़ावा मिलेगा. शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों में इस उपलब्धि को लेकर उत्साह व संतोष का माहौल देखा जा रहा है.
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