मुंगेर युग निर्माता शायर अल्लामा इकबाल की जयंती मंगलवार को धूमधाम से रहबर उर्दू लाइब्रेरी में उर्दू सर्कल में इरफान अहमद की अध्यक्षता में मनायी गयी. संचालन एहतेशाम आलम ने किया. इरफान अहमद ने कहा कि अल्लामा इकबाल युग को पहचानने वाले और युग निर्माता शायर थे. उनकी शायरी एक विचार को रोशनी देती थी. उनकी शायरी पूरब व पश्चिम की सियासी, सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक परिस्थितियों के गहन अवलोकन के बाद मानवीय मूल्यों को पिरोया करती थी. प्रो जैन शमसी, प्रो हुसैन अहमद, खालिद शम्स ने कहां की इकबाल की उर्दू शायरी भाषा विज्ञान में जबरदस्त बढ़ावा दिया है. वह नज़म के नहीं गज़ल के भी बड़े शायर थे. उनकी नजरों में जबरदस्त गीतात्मकता और माधुर्य था. इकबाल की परंपरा में ऐसी शक्ति है जिसकी ताज़गी में संभावनाओं की एक दुनिया आबाद है. राजा कर्ण मीर कासिम समिति के अध्यक्ष जफर अहमद, सैयद शमीम उल्लाह, शाहिद एडवोकेट ने कहा कि सियालकोट में जन्मे इकबाल पेशे से कवि, दार्शनिक, राजनेता वकील और विद्वान थे. मौके पर मौलाना अब्दुल्लाह बुखारी ने भी इकबाल की जीवनी पर विस्तार पूर्वक चर्चा की.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

