लापरवाही. जमालपुर-मुंगेर-बेगूसराय रेलखंड पर एक मात्र ट्रेन का परिचालन
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भीड़ ले रही यात्रियों की जान
लापरवाही. जमालपुर-मुंगेर-बेगूसराय रेलखंड पर एक मात्र ट्रेन का परिचालन रेल प्रशासन की लापरवाही के कारण पिछले एक वर्ष से जमालपुर-मुंगेर-बेगूसराय-खगड़िया के बीच मात्र एक पैसेंजर ट्रेन का परिचालन हो रहा है. फलत: इस ट्रेन में बढ़ती भीड़ के कारण लगातार यात्रियों की जान जा रही है. पिछले सात माह के दौरान इस रेलखंड पर एक […]
रेल प्रशासन की लापरवाही के कारण पिछले एक वर्ष से जमालपुर-मुंगेर-बेगूसराय-खगड़िया के बीच मात्र एक पैसेंजर ट्रेन का परिचालन हो रहा है. फलत: इस ट्रेन में बढ़ती भीड़ के कारण लगातार यात्रियों की जान जा रही है. पिछले सात माह के दौरान इस रेलखंड पर एक सेना के जवान सहित तीन युवकों की जान जा चुकी है. भारतीय रेल का यह एकलौता रेलखंड है जहां 2774 करोड़ की लागत से बने गंगा रेल सह सड़क पुल पर मात्र एक ट्रेन दौड़ रही है. इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.
मुंगेर : मुंगेर-खगड़िया-बेगूसराय रेलखंड वर्तमान समय में काफी महत्वपूर्ण हो गया है. रोजाना हजारों की संख्या में लोग ट्रेन से सफर करते हैं. लेकिन सुरक्षा के लिहाज से यह काफी खतरनाक भी साबित हो रहा है. इस मार्ग में मात्र एक सवारी ट्रेन चलायी जा रही है. उसी को तीन फेरे में चलाया जाता है. जमालपुर से खगड़िया एक फेरा एवं जमालपुर से तिलरथ दो फेरा यह ट्रेन चलती है. ट्रेनों की कमी के कारण धक्का-मुक्की के बीच यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ती है. ट्रेन में खचाखच भीड़ के कारण बड़ी संख्या में यात्री गेट के पोदान व इंजन पर भी चढ़ जाते हैं. जिसके कारण लगातार दुर्घटनाएं हो रही है.
मौत का स्पॉट बनता जा रहा गंगा रेल पुल : मुंगेर-खगड़िया-बेगूसराय को जोड़ने के लिए मुंगेर गंगा पर रेल पुल बना हुआ है. जिससे होकर ट्रेन गुजरती है. लेकिन सात माह में इस पुल पर तीन यात्रियों की मौत हो चुकी है. बदहाली यह है कि रेलवे के दो जोन के पेंच में मात्र एक ट्रेन चल रहा है. गंगा पुल जहां पूर्व मध्य रेलवे के अधीन सोनपुर डिवीजन में है.
वहीं मुंगेर रेलवे स्टेशन पूर्व रेलवे के मालदा डिवीजन के अंतर्गत है. पुल बनने के बाद लोग अब ट्रेन के माध्यम से ही गंगा पार करना चाहते हैं. क्योंकि एप्रोच पथ के अभाव में सड़क मार्ग चालू नहीं हो पाया है. जिसके कारण ट्रेनों में भारी भीड़ उमड़ती है और इस भीड़ के बीच पोदान से गिर कर यात्रियों की मौत हो रही.
पिछले सात माह में ट्रेन से गिर कर तीन युवकों की थमी सांसें
कब-कब हुई दुर्घटना में मौत
10 अक्तूबर 2016 : दुर्गा पूजा के समय लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा निवासी बीएसएफ का जवान विजय यादव छुट्टी पर अपने ससुराल बेगूसराय आया हुआ था. वह बेगूसराय से मुंगेर आने के लिए ट्रेन पकड़ा. ट्रेन में काफी भीड़ थी और गंगा पुल खत्म होते ही लाल दरवाजा मिर्ची तलाब के पास वह धक्का लगने पर नीचे गिर गया. जिसके कारण उसकी मौत हो गयी थी.
13 जनवरी 2017 : खगड़िया जिले के भदास गांव निवासी सोनू महतो अपनी पत्नी को लेकर मुंगेर के नौवागढ़ी कंतपुर आया था. मकर संक्राति पर 13 जनवरी को वह वापस अपने घर जाने के लिए मुंगेर रेलवे स्टेशन से ट्रेन पर चढ़ा. भीड़ काफी अधिक थी और जगह नहीं मिलने के कारण वह गेट पर रह गया. ट्रेन जैसे ही पुल के 7 नंबर पीलर के पास पहुंचा कि पीछे से धक्का-मुक्की हुई और वह ट्रेन से सीधे पुल पर गिर गया. जिसमें उसकी मौत हो गयी.
12 अप्रैल 2017 : मुंगेर गंगा पुल के पाया संख्या सात के समीप दियारा में एक युवक का शव बरामद हुआ. जिसकी मौत ट्रेन से पुल पर गिरने के कारण लोहे के गाटर से अधिक चोट खाने के कारण हो गयी थी. लेकिन युवक की शिनाख्त नहीं हो पायी.
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