मुंगेर : मुस्लिम धर्मगुरु और जमीअत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद असद मदनी ने कहा कि हिंदुस्तान में इस्लाम खतरे में नहीं है. जब देश का बंटवारा हुआ और धर्म की बुनियाद पर एक अलग राष्ट्र पाकिस्तान बना तो बहुत सारे लोग वहां गये. लेकिन जिन्हें यहां की गंगा जमुनी तहजीब में यकीन था वे यहीं रह गये.
भारत में मुसलमान अन्य मुल्कों से बेहतर हालात में है. वे मंगलवार को जामा मसजिद मुंगेर के पास आयोजित मदरसा तजविदुल कुरआन की ओर से आयोजित जलसा दस्तारबंदी को संबोधित कर रहे थे.
ईमान की दौलत सबसे बड़ी : उन्होंने कहा कि अल्लाह ने सबसे बड़ी दौलत ईमान फरमाया है. यदि हम इसे अगली नस्लों तक पहुंचाने में नाकाम रहे तो सारा प्रयास निरर्थक होगा. तालीम के हालात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आज जिस तरह की तालीम को बढ़ावा दिया जा रहा है उस तालीम से डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, वकील तो हो रहे हैं. लेकिन कामयाब इनसान पैदा नहीं हो रहे. मदरसे व खानकाह बेहतर तालीम दे रहे हैं. भारत में मुसलमानों की स्थिति दूसरे मुल्कों से काफी बेहतर है. क्योंकि यहां खानकाह और मदरसे अच्छे ढंग से चल रहे हैं.
हिंदुस्तान में इस्लाम…
आज जो लोग मदरसे पर सवाल उठा रहे हैं उन्हें बताना होगा कि क्या अगली नस्लों को ईमान की तालीम से महरूम रखना चाहते हैं. उन्हें ऐसे लोगों को यह बताने की जरूरत है.
शराबबंदी से इस्लाम की शर्तें पूरी हुईं : कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बहाबुद्दीन बोखारी ने कहा कि हम गंगा जमुनी तहजीब के पक्षधर हैं. इस्लाम में सारी बुराइयों को हराम ठहराया गया है. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार व्यक्त किया कि शराबबंदी लागू कर इस्लाम की शर्तों को उन्होंने पूरा किया. क्योंकि शराब इस्लाम में हराम है. कार्यक्रम का संचालन अताउल्ला बोखारी ने किया. इस अवसर पर अब्दुल्ला बोखारी, जावेद अहमद, मौलाना कासिम ने भी विचार व्यक्त किये.
मदरसा तजविदुल कुरआन की ओर से आयोजित जलसा दस्तारबंदी को संबोधित कर रहे थे जमीअत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव
भारत में मुसलमान अन्य मुल्कों से बेहतर हालात में