मुंगेर : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी ने जहां एक ओर पूजा समितियों को सुकुन दिया, वहीं जिला प्रशासन के लिए यह सार्थक सिद्ध हुआ. न तो शराब के नशे में टुल्ल शराबी मिले और न ही कहीं से शरारती तत्वों की करतूत ही सामने आयी. देर शाम तक शांतिपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में विसर्जन का सिलसिला जारी रहा. पूर्ण शराबबंदी के कारण शराब की बिक्री पर पूरी तरह से निषेध रहा. जिसके कारण सड़कों पर नशेड़ी नहीं दिखे. शराब के नशे में छेड़खानी एवं तनाव होना आम बात था.
लेकिन इस बार इस पर विराम लगा रहा. यह बात जरूर है कि कुछ लोगों ने चोरी-छिपे शराब का सेवन जरूर किया. लेकिन शराब पीकर वे पूरी तरह से नियंत्रण में रहे और घरों में दुबक गये. इस बार पुलिस को काफी राहत मिली. हर बार शराबियों के कारण जगह-जगह तनाव के कारण पुलिस दौड़ती रहती थी. लेकिन शराबबंदी कानून ने उनके तनाव को बहुत हद तक खत्म कर दिया. इस दौरान शहर के विभिन्न प्रमुख स्थलों पर दंडाधिकारी के नेतृत्व में सुरक्षा बल तैनात थे.