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स्वास्थ्य उप केंद्र पर नहीं होती नियमित ड्यूटी, लटका है ताला

स्वास्थ्य उप केंद्र पर नहीं होती नियमित ड्यूटी, लटका है ताला ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को प्राथमिक चिकित्सा का नहीं मिल रहा समुचित लाभफोटो संख्या : 4फोटो कैप्सन : स्वास्थ्य उपकेंद्र में लटका ताला प्रतिनिधि, मुंगेरएक ओर जहां सरकार ग्रामीण स्तर पर बेहतर चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने की कवायद में लगी हुई है. वहीं दूसरी […]

स्वास्थ्य उप केंद्र पर नहीं होती नियमित ड्यूटी, लटका है ताला ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को प्राथमिक चिकित्सा का नहीं मिल रहा समुचित लाभफोटो संख्या : 4फोटो कैप्सन : स्वास्थ्य उपकेंद्र में लटका ताला प्रतिनिधि, मुंगेरएक ओर जहां सरकार ग्रामीण स्तर पर बेहतर चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने की कवायद में लगी हुई है. वहीं दूसरी ओर मेडिकल स्टाफ की मनमानी के वजह से ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को प्राथमिक चिकित्सा का भी समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है. हाल यह है कई स्वास्थ्य उप केंद्रों पर जहां चिकित्सक व मेडिकल स्टाफ काफी विलंब से पहुंचते हैं. वहीं कई जगहों पर दिन भर ताले लटके रहते हैं. ऐसे ही स्वास्थ्य केंद्रों में एक स्वास्थ्य उप केंद्र चड़ौन भी है. नहीं होती नियमित ड्यूटीसदर प्रखंड के नौवागढ़ी स्थित स्वास्थ्य उप केंद्र चड़ौन में वैसे तो सप्ताह में मात्र तीन दिन ( सोमवार, गुरुवार व शनिवार) ड्यूटी का रोस्टर तैयार किया गया है. किंतु यहां सप्ताह में तीन दिन भी नियमित ड्यूटी नहीं होती है. जबकि यहां ड्यूटी के लिए दो एएनएम को पदस्थापित किया गया है. बावजूद शनिवार को इस स्वास्थ्य केंद्र पर दिन के 11:45 बजे भी ताला लटका हुआ था. इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीज निराश हो कर वापस लौट रहे थे. क्या- क्या दी गयी है सुविधाएंस्वास्थ्य उप केंद्र चड़ौन में आउट डोर सेवा के अलावे नियमित टीकाकरण व प्रसव पूर्व जांच की व्यवस्था दी गयी है. किंतु दुर्भाग्य की बात यह है कि यहां पर पदस्थापित एएनएम की मनमानी व विभागीय उदासीनता के कारण क्षेत्र के मरीजों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है. कहते हैं ग्रामीणस्थानीय ग्रामीण चंदन कुमार, मुनि कुमार मुनि, परमानंद कुमार, मनोज कुमार सहित अन्य लोगों ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र के खुलने का समय 8:30 बजे सुबह दिया गया है. किंतु ग्यारह बजे से पहले एक भी दिन यह स्वास्थ्य केंद्र नहीं खुलता है. कहने को तो सप्ताह में यहां तीन दिन केंद्र को खोला जाना सुनिश्चित है. किंतु सप्ताह में एक या दो दिन ही केंद्र खुलता है. हाल यह है कि प्राथमिक उपचार के लिए व सर्दी- खांसी की दवा के लिए भी लोगों को मेडिकल स्टोर का ही सहारा लेना पड़ता है.कहते हैं सिविल सर्जनसिविल सर्जन डॉ श्रीनाथ ने बताया कि कहा कि सदर प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से वे मामले की जानकारी लेंगे. साथ ही स्वयं भी उक्त स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण करेंगे. दोषी पाये जाने वाले कर्मियों पर कार्रवाई की जायेगी.

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