संग्रामपुर : बदुआ जलाशय योजना के पश्चिमी मुख्य केनाल में लगातार हो रहे पानी के बहाव से किसानों के खेतों पानी प्रवेश कर धान की फसल को बरबाद कर रहा है. करीब 25 दिन पूर्व विधायक नीता चौधरी ने बदुआ डैम जाकर वहां अधिकारियों से वार्ता कर केनाल में पानी छोड़ना बंद करने का निर्देश दिया गया.
विधायक के पहल पर किसानों ने राहत की सांस ली. 10-15 दिनों तक पानी बंद रहा. इधर पांच दिनों से फिर केनाल में पानी छोड़ दिये जाने से खेतों में काट कर रखी गयी धान की सफल बरबाद हो रही है. किसान तबा हैं. वे सिंचाई विभाग के अधिकारियों से आग्रह कर थक चुके हैं. इस संबंध में जिला महासचिव जदयू सह बीस सूत्री सदस्य ठाकुर अनुरंजन सिंह ने बताया कि खुद वे भी केनाल में पानी छोड़े जाने के कारण परेशान हैं. खेत में पानी प्रवेश कर गया है.
जिससे धान को बचाना मुश्किल हो गया है. उन्होंने बताया कि चार सप्ताह पूर्व वे खुद विधायक के साथ बिज्जी खोरबा बदुआ डेम पर गये थे. स्पेलवे का निचला स्ट्रक्चर ही टूट गया है. जिस कारण से पानी का बहाव फाटक गिराने के बाद भी बंद नहीं होता है. परंतु इसके पानी के बहाव को दो भागों में बांटने की व्यवस्था है.
एक व्यवस्था है केनाल की तथा दूसरी व्यवस्था है. बदुआ नदी में पानी छोड़ने की. अगर स्ट्रक्चर मरम्मत नहीं हो पा रहा है तो ऐसी स्थिति में इसके पानी को धन कटनी भर नहर के बजाय नदी में छोड़ा जाना चाहिए. जिससे किसान अपने धान की फसल को घर तक सुखा कर ले जा सके. इस संबंध में बिज्जी खोरबा डेम के कार्यपालक अभियंता के फोन पर संपर्क नहीं हो पाया.