मुंगेर. व्यवहार न्यायालय स्थित एडीआर भवन में शनिवार को इस साल का प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. उसका उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक गुप्ता, परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश अरबिंद कुमार शर्मा, एडीजे प्रथम प्रवाल दत्ता, एडीजे तृतीय रूम्पा कुमारी, पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद, सिविल सर्जन विनोद कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. जिला जज ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई देते कहां की राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता को लेकर टीम ने अत्याधिक मेहनत किया है. अधिक से अधिक मामलों का निपटारा कर भारत में मुंगेर का रैंकिंग ऊपर करना है. प्रधान न्यायाधीश ने रामायण के अंगद एवं महाभारत के कृृष्ण के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होनें जिस तरह शांति की पहल की थी, उसी प्रकार लोक अदालत की भूमिका है. जो आपस में सझोता करा मामले का निष्पाद कर शांति का संदेश दे रहा है. एसपी ने बताया कि 20845 नोटिसों में 19594 की तामिला कराया गया है. मौके पर विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव दिनेश कुमार, विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष शशि शेखर सिंन्हा, पैनल अधिवक्ता शिव शंकर बनर्जी, मृदुला कुमारी, अंजिता रानी पीएलवी निरंजन कुमार, राजेश कुमार, मनीष कुमार राजदीप, शिवम सहित अन्य मौजूद थे. राष्ट्रीय लोक अदालत में सुनवाई के लिए कुल 2122 वादों को लाया गया. जिसकी सुनवाई 12 बेंच द्वारा की गयी. जिसने आपसी समझोते के आधार पर कुल 1789 वादों का निष्पादन किया. जिसमें 7 करोड़ 55 लाख 50 पचास हजार 62 रुपए का सेटलमेंट किया गया.
जिला जज ने पीड़ित परिवार को दिया क्लेम राशि का चेक
मुंगेर. राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष आलोक गुप्ता ने पीड़ित परिवार के बीच क्लेम राशि के चेक बांटे. विदित हो कि 25 मार्च 2013 को टेटियाबंबर प्रखंड निवासी मुखिया देवी की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी. क्लेम की राशि उनके पांच उत्तराधिकार पंकज दास, प्रियंका देवी, मालती देवी, प्रदीप दास और मुकेश दास के बीच बांटी गयी. वही सदर प्रखंड के शीतलपुर गांव निवासी भगवती देवी को भी चेक प्रदान किया गया. उनके पति की मौत 26 सितंबर 2016 को शीतलपुर में सड़क दुर्घटना में हो गयी थी.
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