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कालोनी में रहते थे जेइ, एइ व इइ अब नक्सली खौफ से पड़ा है वीरान

हवेली खड़गपुर : खड़गपुर झील स्थित पदाधिकारी एवं कर्मचारियों के लिए बनाया गया आवास रखरखाव के अभाव और नक्सली खौफ के कारण जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़ा हुआ है. दूर से देखने पर यह अब भूत-बंगला लगता है. सिंचाई विभाग के पदाधिकारियों की चहलकदमी से गुलजार रहने वाला यह कॉलोनी आज वीरान पड़ा हुआ है. विभाग […]

हवेली खड़गपुर : खड़गपुर झील स्थित पदाधिकारी एवं कर्मचारियों के लिए बनाया गया आवास रखरखाव के अभाव और नक्सली खौफ के कारण जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़ा हुआ है. दूर से देखने पर यह अब भूत-बंगला लगता है. सिंचाई विभाग के पदाधिकारियों की चहलकदमी से गुलजार रहने वाला यह कॉलोनी आज वीरान पड़ा हुआ है. विभाग के कई कर्मियों ने बताया कि पूर्व में इस कॉलोनी में सिंचाई विभाग के जेइ, एसडीओ समेत कई पदाधिकारी रहा करते थे.

लेकिन बदलते परिवेश व नक्सली खौफ के कारण पदाधिकारियों ने यहां रहना छोड़ दिया. जिसके कारण आवास की स्थिति बदतर हो गयी. इसके अलावे पदाधिकारी के नहीं रहने के कारण अज्ञात चोर व असामाजिक तत्वों द्वारा भवन के खिड़की, किवाड़ आदि की भी चोरी कर ली गयी है.
कई भवन तो जंगलों से घिरा हुआ है. हालांकि अब भी इक्के-दुक्के सिंचाई विभाग के कर्मी अव्यवस्था के बीच किसी प्रकार यहां रहते हैं. कर्मियों के मुताबिक नक्सलियों द्वारा कभी पदाधिकारियों को तंग नहीं किया गया है. फिर भी पदाधिकारी यहां रहना नहीं चाहते हैं और खड़गपुर मुख्यालय में रहना ही पसंद करते हैं.
कहते हैं किसान. किसान संजय कुमार, अरुण यादव, मोहन मंडल, सुधांशु कुमार, टिंकू मंडल ने बताया कि पूर्व में जहां किसान खड़गपुर झील पर पहुंचने के बाद एक ही जगह सारे पदाधिकारियों से मिल कर अपनी समस्या को दूर करवाते थे. परंतु आज स्थिति यह है कि कॉलोनी में पदाधिकारी नहीं रहने के कारण किसान हवेली खड़गपुर मुख्यालय में डेरा लेकर रह रहे पदाधिकारियों के आवास पर जाकर उन्हें अपनी समस्या सुनाते हैं.
कहते हैं कार्यपालक अभियंता.सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता रामजी चौधरी ने बताया कि नक्सली खौफ के कारण पदाधिकारी सिंचाई विभाग के कॉलोनी में रहना नहीं चाहते हैं. हालांकि कई चतुर्थवर्गीय कर्मचारी अब भी वहां रहते हैं. जीर्ण-शीर्ण हुए कॉलोनी के भवनों की मरम्मत करवायी जायेगी. इसके लिए एस्टीमेट तैयार किया जा रहा है.

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