शहर में नहीं हुआ कूड़े का उठाव व डोर टू डोर कचरा संग्रह
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वार्ता के बाद भी काम पर नहीं लौटे एनजीओ के सफाईकर्मी
शहर में नहीं हुआ कूड़े का उठाव व डोर टू डोर कचरा संग्रह एनजीओ के सफाईकर्मियों ने निगम कार्यालय का किया घेराव, अलापा पुराना राग एसडीओ के समझाने के बाद कर्मी हुए राजी, कार्यालय में कामकाज हुआ बहाल मुंगेर : जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुए त्रिपक्षीय वार्ता के बावजूद नगर निगम के अधीन कार्यरत एनजीओ […]
एनजीओ के सफाईकर्मियों ने निगम कार्यालय का किया घेराव, अलापा पुराना राग
एसडीओ के समझाने के बाद कर्मी हुए राजी, कार्यालय में कामकाज हुआ बहाल
मुंगेर : जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुए त्रिपक्षीय वार्ता के बावजूद नगर निगम के अधीन कार्यरत एनजीओ के सफाईकर्मी गुरुवार को काम पर नहीं लौटे. फलत: शहर में नालों की सफाई, कूड़े का उठाव व डोर टू डोर कचरा संग्रह का कार्य आज भी बंद रहा. वैसे निगम के स्थायी सफाईकर्मी काम पर लौट गये और कुछ जगहों पर सफाइकर्मियों द्वारा सड़कों पर झाड़ू भी लगाया गया. एनजीओ सफाइकर्मियों ने पुराना राग अलापते हुए निगम में सफाई की ठेकेदारी प्रथा खत्म करने तथा खुद को सीधे निगम के तहत बहाल करने के लिए ठेकेदारी प्रथा को खत्म करने की मांग की.
एनजीओ कर्मियों ने किया घेराव
निर्धारित वार्ता के अनुसार गुरुवार से सफाइकर्मियों को काम पर वापस लौटना था. जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुए वार्ता के दौरान एनजीओ सफाई कर्मचारियों को यह स्पष्ट कर दिया गया था कि उसके बकाये मानदेय भुगतान को ध्यान में रखते हुए एनजीओ को राशि का भुगतान किया जा रहा है और चार-पांच दिनों में उनलोगों को एनजीओ के माध्यम से राशि मिल जायेगी. लेकिन एनजीओ के सफाईकर्मी पुन: पुराना राग अलापते हुए निगम कार्यालय के मुख्य गेट पर प्रदर्शन व नारेबाजी प्रारंभ कर दी. सफाइकर्मियों ने ठेकेदारी प्रथा का विरोध किया और निगम के अधीन कार्य करने की मांग करने लगे. साथ ही वर्ष 2012 से बकायो इपीएफ राशि के भुगतान करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. सफाइकर्मियों ने कहा कि काम के साथ लड़ाई भी जारी रहेगा. इस दौरान कर्मियों ने लगभग एक घंटे तक निगम का घेराव किया और विरोध प्रदर्शन किया.
एसडीओ के हस्तक्षेप से मामला हुआ शांत
एनजीओ सफाइकर्मियों से एसडीओ ने वार्ता कर मामला को शांत कराया. सफाइकर्मियों का कहना था कि वेतन का भुगतान अबतक नहीं किया गया है. जिस पर एसडीओ ने आश्वासन दिया कि डीएम साहब द्वारा वेतन भुगतान की बात कही गयी है. चार दिनों के अंदर भुगतान कर दिया जायेगा. कर्मियों ने यह भी मांग किया कि ठेकेदारी प्रथा को खत्म कर निगम के अधीन बहाल किया जाय. जिस पर एसडीओ ने कहा कि मांगों पर विचार किया जायेगा. उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जायेगा. जिस पर सफाईकर्मी राजी हुए और अपना आंदोलन खत्म किया.
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