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यूनियन ने मोर्चा खोला, कहा पहले सन्नी व गौतम को पकड़ें

मुंगेर : मुंगेर के पांच उप-डाकघरों में हुए 92 लाख रुपये के गबन मामले में पांच डाककर्मियों को निलंबित किया जा चुका है. जिस पर डाक कर्मियों के विभिन्न संगठनों ने एक जुट होकर सोमवार को निलंबित डाककर्मी के पक्ष में मोरचा खोला. यूनियन ने जहां पहले जहां इस गबन के मास्टर माइंड सन्नी शेखर […]

मुंगेर : मुंगेर के पांच उप-डाकघरों में हुए 92 लाख रुपये के गबन मामले में पांच डाककर्मियों को निलंबित किया जा चुका है. जिस पर डाक कर्मियों के विभिन्न संगठनों ने एक जुट होकर सोमवार को निलंबित डाककर्मी के पक्ष में मोरचा खोला. यूनियन ने जहां पहले जहां इस गबन के मास्टर माइंड सन्नी शेखर सिंह एवं गौतम कुमार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की मांग की. वहीं डाक अधीक्षक के लंबी छुट्टी पर चले जाने को भी रहस्यमय बताया. साथ ही पूरे मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है.

क्या है मामला
महिला डाक घर में हुए गबन मामले की जांच 28 जुलाई से प्रारंभ हुई थी. जिसके बाद डाक अधीक्षक के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया. जिसमें डाक निरीक्षक मुंगेर आर भास्कर, जमुई के सहायक डाक अधीक्षक एके मंडल, शेखपुरा के सहायक डाक अधीक्षक आशुतोष कुमार, लखीसराय के डाक अधीक्षक नीरज कुमार चौधरी तथा सिस्टम एडमिन अमरेंद्र कुमार वर्मा शामिल थे. जिसमें महिला डाकघर, वासुदेवपुर, बेलन बाजार, मुंगेर टाउन, मुंगेर कॉलेज में गबन का मामला पकड़ा गया.
जांच में अब तक 92 लाख रुपये का गबन पकड़ा गया है. कहा जा रहा है कि जांच टीम की रिपोर्ट को पटना मुख्यालय को भेज दिया है. लेकिन स्थानीय जांच के आधार पर अब तक संबंधित थाना में दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है. जबकि पांच डाककर्मियों को अब तक गबन में दोषी पाते हुए डाक अधीक्षक ने अपने स्तर से कार्रवाई करते हुए निलंबित भी कर दिया है.
अब तक पांच डाककर्मी हुए निलंबित : सबसे पहले महिला डाकघर के इंचार्ज तलत सुलताना को निलंबित किया गया. लेकिन जांच की गति जैसे-जैसे बढ़ती गयी. उसके दायरे में और भी डाक कर्मी की संलिप्तता सामने आने लगी. जिसके बाद गबन के मामले में उप डाकपाल रविशंकर चौधरी एवं एक अन्य डाक कर्मी एके हेंब्रम को भी निलंबित कर दिया गया था. डाक अधीक्षक ने शहर के बेलनबाजार डाकघर के डाक सहायक वासुदेव ठाकुर एवं वासुदेवपुर शाखा के तत्कालीन डाक सहायक राम किशोर प्रसाद को गबन के मामले में संलिप्त पाये जाने पर निलंबित कर दिया है. विदित हो कि राम किशोर प्रसाद वर्तमान समय में लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा शाखा डाकघर में पदस्थापित है.
डाककर्मियों के पक्ष में संघ ने खोला मोर्चा :
गबन के मामले में पांच डाककर्मियों के निलंबन पर डाककर्मियों के संघ ने मोरचा खोल दिया है. संयुक्त डाक संघर्ष समिति की बैठक मो. आर डब्लू जैदी की अध्यक्षता में हुई. जिसमें राष्ट्रीय डाक कर्मचारी संघ ग्रुप सी के सचिव हेमंत कुमार जायसवाल, अखिल भारतीय एससी-एसटी वेलफेयर कर्मचारी संघ के सचिव टुनटुन रविवाद, भारतीय डाक कर्मचारी संघ के सचिव सुशील कुमार, अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ ग्रुप सी के सचिव माधो प्रसाद सिंह ने मुख्य रूप से भाग लिया. बैठक में डाकघर गबन मामले में डाक प्रशासन द्वारा निर्दोष कर्मचारी को डराने, धमकाने, फंसाने एवं मानसिक प्रताड़ना देने का आरोप लगाया गया.
जानबूझ कर निर्दोष कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है. इसलिए निर्दोष कर्मचारियों को फंसाने की मंशा बंद करें. डाटा इंट्री का कार्य प्रमंडल में सर्किल के आदेश की प्रति उपलब्ध करायी जाय. बैठक के उपरांत डाक अधीक्षक को एक ज्ञापन सौंप कर मांग किया कि सारे दस्तावेज की प्रति अविलंब संघ को उपलब्ध कराया जाये. अन्यथा बाध्य होकर संघ द्वारा धरना-प्रदर्शन, काला बिल्ला एवं भूख हड़ताल किया जायेगा.
जांच को नहीं करें प्रभावित : डाक अधीक्षक ने संयुक्त डाक संघर्ष समिति के मांगों पर अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है.
जिसमें कहा गया कि आपके पत्र से यह प्रतीत होता है कि आप एनडी रोड उप डाकघर में हुए गबन पर पर्दा डालना व दोषी कर्मचारियों को बचाना व उन्हें संरक्षण देना चाहते है. विभागीय जांच सिर्फ दस्तावेज आधारित की जा रही है. इसमें किसी को फंसाने का प्रश्न नहीं है. यदि बयान देने वाले कर्मचारी के पास कोई दस्तावेज उपलब्ध है. जिससे वह उनको निर्दोष प्रमाणित करता हो तो प्रस्तुत कर बयान दर्ज करा सकते है. इसलिए गैर दस्तावेजी मुद्दों पर पत्राचार करके जांच को प्रभावित करने का प्रयास न करें
पहले मुख्य आरोपी सन्नी और गौतम को पकडें
संयुक्त डाक संघर्ष समिति के अध्यक्ष आर. डब्लू जैदी एवं अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ ग्रुप सी के सचिव माधो प्रसाद सिंह ने कहा कि एनडी रोड शाखा उप डाकघर में अधिकारियों की मिलीभगत से बासुदेवपुर निवासी सन्नी शेखर सिंह एवं बेलन बाजार निवासी गौतम कुमार डाक घरों में हुए गबन मामले का मुख्य आरोपित है.
क्योंकि वह डाटा इंट्री का काम करता था. अधिकारियों के पास उसकी बैठकी होने के कारण कोई भी उसे कुछ नहीं कहता था. सबसे पहले इन दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जाये. क्योंकि इन दोनों के गिरफ्तारी के बाद ही यह खुलासा हो पायेगा कि इसमें कौन डाककर्मी और कौन अधिकारी की संलिप्तता है. उसके बाद डाककर्मियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.

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