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व्यवसायी व किसान के हत्यारों की अब तक नहीं हुई गिरफ्तारी

मुंगेर : दिनदहाड़े शहर में व्यवसायी की गोली मार कर हत्या करने वाले शार्प शूटरों की अब तक गिरफ्तारी नहीं हो पायी है, जबकि असरगंज में गला रेत कर हत्या के मामले में मुख्य अभियुक्त अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है. जिसकी गिरफ्तारी करने में एसआइटी में शामिल पुलिस पदाधिकारी का पसीना छूट रहा […]

मुंगेर : दिनदहाड़े शहर में व्यवसायी की गोली मार कर हत्या करने वाले शार्प शूटरों की अब तक गिरफ्तारी नहीं हो पायी है, जबकि असरगंज में गला रेत कर हत्या के मामले में मुख्य अभियुक्त अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है.

जिसकी गिरफ्तारी करने में एसआइटी में शामिल पुलिस पदाधिकारी का पसीना छूट रहा है. इधर हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होने से दोनों मामलों में हत्या के सही कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है. जिसे लेकर चर्चा भी सरेआम होने लगी है.

किसान का गला रेतने वाला अब भी फरार : 1 सितंबर की रात असरगंज थाना क्षेत्र के चौरगांव निवासी किसान मृत्युंजय सिंह की अपराधियों ने तेज धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या कर दी थी. जिसके बाद शव को बहियार में फेंक दिया गया था. 2 सितंबर की सुबह मृत्युंजय का शव बहियार से बरामद किया गया. मृतक के पिता के बयान पर दो युवकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चौरगांव के ही सुधांशु ठाकुर उर्फ फेकिया को गिरफ्तार किया.
जबकि एक अप्राथमिकी अभियुक्त सुमित कुमार को भी गिरफ्तार किया गया. लेकिन मुख्य आरोपित सुमित कुमार अब भी पुलिस पकड़ से दूर है. जिसके कारण हत्या के सही कारणों का खुलासा नहीं हो पा रहा है. पुलिस का दावा है कि हत्याकांड का खुलासा हो गया है. लेकिन गिरफ्तार दोनों अभियुक्त हत्या में अपनी संलिप्तता को स्वीकार नहीं कर रहा है. अब तक मुख्य आरोपित बनाये गये सुजीत कुमार की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है. जबकि मृतक के पिता ने साफ कहा है कि मेरे मना करने के बाद भी वह मेरे घर मेरी पतोहू से गप्पें लड़ता था.
गिरफ्तारी से ही खुलेगा हत्या का राज
हत्या के बाद अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए एसआइटी का गठन किया गया. लेकिन एसआइटी के लंबे हाथ अब तक मुख्य आरोपितों तक नहीं पहुंच पा रही है. इधर गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है. माना जा रहा है कि जब तक दोनों मामलों में मुख्य आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होती है कि तब तक हत्या के कारणों से पर्दा नहीं उठ पायेगा.
कहते हैं पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने कहा कि व्यवसायी हत्याकांड में लाइनर की भूमिका अदा करने वाले गौतम सिंह को गिरफ्तार किया गया. जबकि किसान मृत्युंजय हत्या में शामिल सुधांशु ठाकुर उर्फ फेकिया किया जा चुका है. जिन्होंने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार किया है. अन्य हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
गौतम की गिरफ्तारी तक सीमित हो गयी कार्रवाई
31 अगस्त को सुबह के 10:30 बजे मोटर साइकिल सवार नकाबपोश दो हत्यारों ने बेकापुर शिवाजी चौक स्थित पान मसाला व्यवसायी विकास बंसल की गोली मार कर हत्या कर दी थी. जिसके विरोध में व्यवसायियों ने बाजार भी बंद किया था. दिनदहाड़े हुई हत्या से पुलिस की काफी किरकिरी हुई और पुलिस ने विकास के पुराने स्टाफ कासिम बाजार थाना क्षेत्र के बिंदवारा गांव निवासी गौतम सिंह को गिरफ्तार किया. जिसकी निशानदेही पर इसी थाना क्षेत्र के संदलपुर निवासी राणा यादव के घर से हत्या में प्रयुक्त मोटर साइकिल को भी बरामद किया गया. तब पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने कहा था कि गौतम सिंह ने ही हत्या में लाइनर की भूमिका निभायी थी.
इस हत्याकांड में कुख्यात धरहरा भलार के सूरज सिंह सहित पांच लोगों पर हत्याकांड को अंजाम देने का दावा किया गया. लेकिन पुलिस ने यह नहीं बताया कि किसने व्यवसायी को गोली मारी थी. पुलिसिया कार्रवाई गौतम की गिरफ्तारी तक ही सिमट कर रह गयी है. हत्या के एक सप्ताह बीत चुका है. लेकिन न तो दूसरे किसी अपराधी की गिरफ्तारी पुलिस कर पा रही और न ही उन शार्प शुटरों की गिरफ्तारी हो पायी है. जिसने व्यवसायी की गोली मार कर हत्या की थी.

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