दरोगा हत्याकांड. पत्नी प्रियंका ने एएसआइ राजेंद्र मंडल, मनीष राज व भू-माफिया पर लगाया आरोप
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साजिश के तहत की मेरे पति की हत्या
दरोगा हत्याकांड. पत्नी प्रियंका ने एएसआइ राजेंद्र मंडल, मनीष राज व भू-माफिया पर लगाया आरोप मुंगेर/भागलपुर : तिलकामांझी थाना के पूर्व थानाध्यक्ष विजय चंद्र शर्मा की विधवा प्रियंका कुमारी ने सोमवार को तिलकामांझी थानाध्यक्ष संजय कुमार सत्यार्थी को अपना बयान दर्ज कराया. अपने देवर अमर कुमार और भाई की उपस्थिति में दिये बयान में प्रियंका […]
मुंगेर/भागलपुर : तिलकामांझी थाना के पूर्व थानाध्यक्ष विजय चंद्र शर्मा की विधवा प्रियंका कुमारी ने सोमवार को तिलकामांझी थानाध्यक्ष संजय कुमार सत्यार्थी को अपना बयान दर्ज कराया. अपने देवर अमर कुमार और भाई की उपस्थिति में दिये बयान में प्रियंका ने अपने पति की साजिश के तहत हत्या कर दिये जाने की बात कही. प्रियंका ने कहा कि तिलकामांझी थाना में पदस्थापित एएसआइ राजेंद्र मंडल (राजेंद्र मंडल की एसआइ में प्रोन्नति हो चुकी है), विजय शर्मा से फ्लैट का सौदा कर रहे और इसके लिए तीन लाख रुपये ले चुके मनीष राज, कुछ सफेद पोश अपराधी और भू-माफिया ने साजिश के तहत उसके पति की हत्या कर दी.
विजय की पत्नी का यह भी कहना है कि वरीय पुलिस अधिकारी और भागलपुर प्रशासन ने मिलकर हत्या के साक्ष्य को मिटाने की कोशिश की. प्रियंका ने अपने बयान में पति की हत्या की सीबीआइ जांच कराने की मांग की. विजय चंद्र शर्मा की पत्नी अपने साथ शपथ पत्र लेकर आयी थी जिसमें उसका बयान लिखा हुआ था.
डीआइजी ने एसएसपी को कॉल कर मांगी जानकारी: विजय शर्मा हत्याकांड में रेंज डीआइजी विकास वैभव ने सोमवार को एसएसपी से फोन पर बात की. उन्होंने विजय शर्मा की पत्नी के बयान दर्ज कराने और केस के आइओ को बदलने के बारे में पूछा. उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जांच कराने को भी कहा. एसएसपी ने डीआइजी को बताया कि केस का आइओ अब तिलकामांझी थानाध्यक्ष नहीं रहेंगे. इस केस का आइओ लॉ एंड ऑर्डर इंस्पेक्टर विजय कुमार को बनाया गया है. विजय की पत्नी का बयान दर्ज हो जाने के बाद यह केस इंस्पेक्टर को दे दिया गया है.
विजय चंद्र शर्मा की पत्नी और भाई ने हत्या की सीबाआइ जांच कराने की मांग की
तिलकामांझी थाना में विजय चंद्र शर्मा की पत्नी ने क्या दिया बयान
मुंगेर के छोटी केशोपुर जमालपुर की स्थायी निवासी और वर्तमान में जीरोमाइल के ओंकार अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 103 में रहने वाली प्रियंका कुमारी ने बयान दिया कि
19/20 मार्च की रात लगभग 1:50 बजे मैंने अपने पति के पर्सनल मोबाइल पर कई बार कॉल किया जो नोट रिचेबल था, फिर मैंने पति के सरकारी मोबाइल पर कॉल किया तो किसी ने बताया कि उसके पति का एक्सीडेंट हवाई अड्डा में हो गया है
मैं तुरंत स्कूटी से हवाई अड्डा के रनवे पहुंची तो देखा कि एएसआइ राजेंद्र मंडल, तिलकामांझी थाना के अन्य एएसआइ और बरारी थाना के कुछ पुलिसकर्मी वहां मौजूद थे. मेरे पति की निजी गाड़ी के पास पति का शव पड़ा हुआ था, वहां खून पड़ा हुआ था. जहां मेरे पति का शव पड़ा था वहां से 75-76 फीट की दूरी पर अधिक मात्रा में खून गिरा हुआ था. पति के शव के पास गाड़ी के जख का रॉड, सीट बेल्ट, दो मोबाइल टूटा हुआ, पिस्टल का मैगजीन सहित अन्य सामान पड़ा हुआ था. यह देख मैं हतप्रभ रह गयी. इसी दरम्यान एसएसपी और आइजी भी घटनास्थल पर पहुंचे. मैंने एसएसपी और अन्य पुलिस वालों को देखते ही कहा कि मेरे पति की हत्या हुई है, इसपर उन्होंने कहा कि जांच हो रही है, धैर्य रखें. वहां मौजूद राजेंद्र मंडल ने कहा कि, चिल्ला क्यों रहे हैं, यह एक्सीडेंट है हत्या नहीं. मेरी बातों को नजरअंदाज कर मेरे पति के शव को एंबुलेंस बुलाकर वहां से ले जाया गया और फायर ब्रिगेड की गाड़ी बुलाकर जमीन पर पड़े खून को धुलवा दिया गया और सारे साक्ष्य मिटाने की पूरी कोशिश की गयी.
मेरे तथा मेरे परिवार की अनुपस्थिति में बिना सूचना दिये मेरे पति के शव का उसी दिन सुबह 4 से 5 बजे के बीच पोस्टमार्टम करा दिया गया
मैंने और मेरे परिवार के सदस्यों ने एसएसपी से मिलकर पूछा कि बिना जांच कराये आनन-फानन में सारे सबूतों को क्यों मिटा दिया गया, तो उन्होंने कहा कि एमवीआइ की रिपोर्ट आयी है जिसमें मौत का कारण एक्सीडेंट बताया गया है
मेरी बातों को नजरअंदाज कर साजिश के तहत मेरे पति की हत्या मामले में यूडी केस दर्ज कर दिये जाने की जानकारी मिली. मैंने 27 मार्च को एसएसपी और तिलकामांझी थाना को पति की हत्या मामले में आवेदन दिया था पर उस समय मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से आवेदन में कई तथ्य अंकित नहीं कर सकी
मेरे द्वारा लगातार फोरेंसिक जांच की मांग के दबाव में आकर बाद में फोरेंसिक जांच करायी गयी जबकि घटना वाले दिन फोरेंसिक की टीम भागलपुर में ही थी
एसएसपी द्वारा दो महीने तक जांच रिपोर्ट को दबा कर रखा गया
मनीष भी संदिग्ध है क्योंकि उन्होंने फ्लैट देने के एवज में तीन लाख रुपये कैश लिया था. जब मेरे ससुराल वालों ने मनीष राज पर आरोप लगाया तो अगले ही सुबह उसने कॉल कर बोला कि भाभी पेपर में यह सब क्यों दे दिया गया है. मनीष ने कहा कि विजय की हत्या वाले दिन रात्रि करीब 11:20 बजे हंसल सिंह एवं अन्य चार-पांच लोगों को एक साथ तिलकामांझी में देखा गया. साला मारा कौन, फंसाया जा रहा हमको.
मेरे पति भू-माफियाओं के खतरे की बात किया करते थे, शराब माफिया और सफेद पोश की भी बात वे करते थे
उपरोक्त तथ्य से स्पष्ट है कि मेरे पति की हत्या भू-माफिया, सफेद पोश और वरीय पुलिस प्रशासन द्वारा आपस में गठजोड़ कर बेरहमी से कर दी गयी.
मुझे विश्वास है कि मेरे पति की हत्या मनीष राज, तिलकामांझी थाना में पदस्थापित सहायक अवर निरीक्षक राजेंद्र मंडल एवं अज्ञात सफेद पोश अपराधियों, भू-माफियाओं ने मिलकर एक साजिश के तहत कर दी और लगातार हत्या को दुर्घटना साबित करने और जांच को प्रभावित करने के लिए साक्ष्य को मिटाने की कोशिश की गयी.
प्रियंका ने कहा, वरीय पुलिस अधिकारियों ने पहले उसके पति की मौत एक्सीडेंट में बताया फिर दो महीने तक एफएसएल की रिपोर्ट को दबाये रखा
डीआइजी के निर्देश पर पहले ही विजय शर्मा की मौत मामले में हत्या का केस दर्ज हो चुका है, केस का आइओ बदलकर लॉ एंड ऑर्डर इंस्पेक्टर विजय कुमार को बनाया गया है
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