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छिटपुट बारिश ने बढ़ायी किसानों की चिंता

जिले में छिटपुट बारिश से कई प्रखंडों में सूखा का संकट मंडराने लगा है. किसान दिन-रात पंपसेट से खेतों की सिचाई कर सूख रहे धान पौधे को बचाने की जुगत में लगे हैं.

मोतिहारी.आरे बादल, काले बादल गर्मी दूर भगा रे बादल…बाल पाठ्य की यह कविता सही मायने में मौसम पर सटीक बैठ रहा है. इनदिनों आसमान में पूरे दिन बादल मंडरा रहे हैं, लेकिन बरस उतने भर रहा है, जिससे सिर्फ गर्मी से राहत मिल सके. सावन माह के आरंभ से ही ऐसी स्थिति बनी हुई है. अब तो आसमान में उड़ते काले बादल को भी देख किसानों को विश्वास नहीं हो रहा कि बारिश होगी. जिले में छिटपुट बारिश से कई प्रखंडों में सूखा का संकट मंडराने लगा है. किसान दिन-रात पंपसेट से खेतों की सिचाई कर सूख रहे धान पौधे को बचाने की जुगत में लगे हैं. वहीं सावन का माह धान खेती के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. यह महीना धान की रोपनी व पौधे में टिलरिंग के लिए उपयुक्त होता है. ऐसे में खेतों में पानी की कमी से धान उत्पादन पर संकट मंडराने लगा है. मॉनसून की बेरूखी के कारण पूरे जिले में पानी के लिए हाहाकार मचा है. रोपनी के बाद धान के पौधा व बिचड़ा सूखने लगे हैं. तो पानी के अभाव में धान रोपनी प्रभावित हो रही है. जैसे-जैसे सावन महीना समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे किसानों की चिंता और परेशानी भी बढ़ती जा रही है. अगस्त माह में महज 61 एमएम हुई बारिश इस वर्ष पूरे जिला में एक लाख 84 हजार हेक्टेयर भूमि में धानरोपनी का लक्ष्य है. सावन मास का अंतिम सप्ताह शुरू हो गया है. जबकि इस पुरे माह में खेती के लिए सिंचाई नही हुई. कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार अगस्त माह में अबतक महज 61 एमएम बारिश दर्ज की गयी है. जबकि अगस्त माह का सामान्य वर्षापात करीब 308 एमएम है. ऐसे में कम बारिश से धान सहित अन्य फसल पर संकट का बादल मंडराने लगा है. 7.74 लाख रुपये डीजल अनुदान का हुआ भुगतान मौसम की मार से सूख रहे फसल की सिंचाई कर बचाने को ले सरकार डीजल अनुदान राशि का भुगतान आरंभ कर दिया है. पूर्वी चंपारण में डीजल अनुदान के लिए करीब सात हजार किसानों ने आवेदन किया है. इनमें करीब चार सौ 11 आवेदन की जांच प्रक्रिया के बाद स्वीकृति दी गयी है. जिन्हें सरकार के स्तर से 7 लाख 74 हजार 788 रुपये का अनुदान राशि का भुगतान किया गया है. डीएओ मनीष कुमार सिंह ने बताया कि कृषि विभाग के पोर्टल पर किसान डीजल अनुदान के लिए आवेदन कर सकते है. मुख्य फसल की तीन सिंचाई के लिए अधिकतम प्रति सिंचाई 750 रुपये प्रति एकड़ की दर से 2250 रुपये अनुदान राशि देय है. एक किसान को धान का बिचड़ा बचाने धान, मक्का, अन्य खरीफ फसलों के अन्तर्गत दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगंधित पौधे की एक ही खेत के लिए अधिकतम 3 सिंचाई के लिए 2250 रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान देय होगा. एक किसान को अधिकतम 8 एकड़ के लिए डीजल अनुदान मिलेगा.

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