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Motihari: सदर अस्पताल में जच्चा-बच्चा किट का सात लभार्थियों के बीच हुआ वितरण

स्वस्थ मां ही स्वस्थ शिशु की जननी होती है और एक स्वस्थ शिशु ही समाज की सशक्त नींव रखता है.

Motihari: मोतिहारी. स्वस्थ मां ही स्वस्थ शिशु की जननी होती है और एक स्वस्थ शिशु ही समाज की सशक्त नींव रखता है. इसी मूल मंत्र को आधार बनाते हुए सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जच्चा-बच्चा किट वितरण योजना की शुरुआत की है. जिसका शुभारंभ शुक्रवार को सदर अस्पताल से किया गया. अभियान की शुरुआत के पहले दिन सिविल सर्जन डॉ. रविभूषण श्रीवास्तव, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. विजय कुमार वर्मा, डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन, सदर अस्पताल मैनेजर कौशल किशोर दूबे ने की. मौके पर लेबर इंचार्ज सविता कुमारी की उपस्थिति में सात लभार्थियों के बीच जच्च-बच्चा किट का वितरण किया गया. सिविल सर्जन डॉ. रविभूषण श्रीवास्तव ने कहा कि यह पहल राज्य भर में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य मातृत्व को सुरक्षित बनाना, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना, प्रसवोत्तर जटिलताओं में कमी लाना व नवजातों को जीवन के आरंभ से ही उचित पोषण और चिकित्सा सुविधा देना है. डीपीएम ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को प्रसव के दौरान या उसके बाद उचित देखभाल न मिलने के कारण जटिलताओं का शिकार होती हैं. खासकर ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाएं पोषण की कमी, संक्रमण और आवश्यक औषधियों के अभाव में प्रसवोत्तर समस्याओं से जुझती हैं. दूसरी ओर, नवजात शिशुओं की मृत्यु दर भी तब बढ़ जाती है जब जन्म के बाद उन्हें समय पर आवश्यक दवाएं और स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलती. इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जच्चा-बच्चा किट का वितरण एक सशक्त पहल है. यह योजना सुनिश्चित करती है कि हर प्रसव के बाद मां और शिशु को पोषणयुक्त आहार एवं आवश्यक दवाएं तत्काल और निःशुल्क मिलें, जिससे उनकी प्रारंभिक रिकवरी और स्वास्थ्य बेहतर हो सके. सदर अस्पताल प्रबंधक कौशल किशोर दूबे ने बताया कि प्रसव के बाद महिला का शरीर बेहद कमजोर होता है और उसे तुरंत ऊर्जा, प्रोटीन, और पोषक तत्वों की जरूरत होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए किट में प्रसूता के लिए आवश्यक दवा आदि का फूड पैकेट दिया गया. बताया कि इन पोषण वस्तुओं के नियमित सेवन से प्रसवोत्तर कमजोरी दूर होती है, स्तनपान में सहायता मिलती है और प्रसूता की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है.

संस्थागत प्रसव के प्रति बढ़ेगी रुचि – सिविल सर्जन

सीएस ने कहा कि प्रसव के बाद मां और शिशु दोनों अत्यंत संवेदनशील अवस्था में होते हैं. यह किट दोनों को न केवल पोषण और औषधीय सुरक्षा देती है, बल्कि उन्हें एक स्वस्थ जीवन की शुरुआत का अवसर भी प्रदान करती है. जिले में यह पहल मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और संस्थागत प्रसव के प्रति रूचि बढ़ाने में कारगर कदम साबित होगा. कहा कि अब प्रतिदिन नवजात शिशुओं व माताओं को किट का वितरण किया जायेगा.

किट में मिलेगा यह सामग्री

सुधा घी – 200 मि.ली.

नमकीन दलिया प्रीमिक्स – 350 ग्राम

खिचड़ी प्रीमिक्स – 350 ग्राम

खीर प्रीमिक्स – 350 ग्राम

बेसन बर्फी – 03 नग

प्रोटीन बार – 02 नग

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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