Motihari: मोतिहारी.
इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने एक नई पहल की है. पहली बार जिले की आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं को मतदान कार्य में शामिल किया जाएगा. उन्हें विशेष जिम्मेदारी दी गई है कि वे मतदान केंद्रों पर आने वाली नकाबपोश महिलाओं की पहचान सुनिश्चित करें. यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि कोई भी महिला एक से अधिक बार या किसी अन्य के नाम पर मतदान न कर सके. जिले में करीब दस हजार से अधिक महिला सेविका और सहायिका है तथा बूथाे की संख्या 4095 है.पिछले चुनावों में कई बार ऐसे मामले सुनने को आए थे, जहां नकाबपोश महिलाओं ने दूसरों के नाम पर वोट डाल दिए है. इस बार चुनाव आयोग ने इस गड़बड़ी को रोकने के लिए आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका की मदद लेने का निर्णय लिया है. ये महिलाएं मतदान केंद्रों पर महिला मतदाताओं का चेहरा देखकर पहचान की पुष्टि करेंगी. आईसीडीएस डीपीओ विनीता कुमारी ने बताया कि जैसे आयोग से गाइडलाइन और आदेश प्राप्त होगी, उसका अनुपालन सख्ती से किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का यह महापर्व पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ संपन्न हो, इसके लिए सभी विभागों को सक्रिय किया जा रहा है. यह निर्णय न केवल मतदान प्रक्रिया को अधिक विश्वसनीय बनाएगा, बल्कि महिलाओं की भागीदारी को भी एक नया आयाम देगा. सेविका और सहायिका के इस योगदान से मतदान केंद्रों पर महिलाओं की संख्या बढ़ने की भी संभावना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

